Teej 2020 Date: तीज सुहागिनों का एक प्रमुख त्योहार है। जो साल में तीन बार आता है। हरियाली तीज (Hariyali Teej), कजरी तीज (Kajri Teej) और हरतालिका तीज (Hartalika Teej)। तीज में निर्जला व्रत रख भगवान शंकर और माता पार्वती का पूजन किया जाता है। ये तीनों ही तीज पति की लंबी उम्र और खुशहाल जीवन की कामना से मनाई जाती हैं। इन तीज व्रत में जहां बहुत सी समानताएं हैं तो वहीं कुछ अंतर भी है। जानिए…
हरियाली तीज: ये पर्व सावन मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को आता है। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रख भगवान शिव और देवी गौरी की पूजा करती हैं। मान्यता है कि इस दिन शिवजी ने देवी पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। इसी कारण हरियाली तीज का व्रत सुहागिन स्त्रियों के लिए अखंड सौभाग्य का वरदान देने वाला माना गया है। हरियाली तीज इस साल 23 जुलाई को है।
कजरी तीज: कजरी तीज भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया के दिन मनाई जाती है। जिसे कजली तीज, सातूड़ी तीज और भादो तीज के नाम से भी जाना जाता है। इस व्रत को भी महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र का आशीर्वाद पाने के लिए रखती हैं। पौराणिक मान्यता है कि मध्य भारत में कजली नाम का एक वन था। एक बार वहां के राजा की असमय मृत्यु हो गई और इसके वियोग में रानी ने खुद को सती कर लिया। इस घटना से वहां के लोग इतने दुखी हो गए, लेकिन राजा-रानी के प्रेम से इतना प्रभावित हुए कि वे लोग कजली गीत गाने लगे थे। ये गीत पति-पत्नी के प्रेम का प्रतीक होता था। कजरी तीज मनाने की परंपरा यहीं से शुरू हुई। इस दिन शाम को व्रत तोड़ने से पहले महिलाएं सात रोटियों पर चना और गुड़ रखकर पहले गाय को खिलाती हैं। ये तीज 6 अगस्त को मनाई जाएगी।
हरतालिका तीज: सुहागिन स्त्रियां अपने सुहाग को अखंड बनाए रखने और अविवाहित युवतियां मन मुताबिक वर पाने के लिए हरतालिका तीज का कठिन व्रत रखती हैं। मान्यता है मां पार्वती ने भगवान शिवजी को वर रूप में प्राप्त करने के लिए घोर वन में तप किया व बालू के शिवलिंग बनाकर उनका पूजन किया था जिससे प्रसन्न होकर शिव ने उन्हें दर्शन दिये। उसके बाद माता पार्वती ने पूजा की सभी सामग्री नदी में प्रवाहित कर दी और अपना उपवास तोड़ा। ऐसी मान्यता है कि माता ने जब यह व्रत किया था, तब भाद्रपद की तीज तिथि थी व हस्त नक्षत्र था। बाद में राजा हिमालय ने भगवान शिव व माता पार्वती का विवाह कराया। हरतालिका तीज पर महिलाएं सुंदर मंडप सजाकर बालू से शिव जी और पार्वती जी की प्रतिमा बनाकर उनका गठबंधन करती हैं। इस साल हरतालिका तीज 21 अगस्त को मनाई जाएगी।