Nag Panchami 2021 Date, Puja Vidhi, Muhurat And Significance: सावन शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये त्योहार 13 अगस्त को मनाया जाएगा। हिंदू धर्म में नागों का विशेष महत्व माना जाता है। देवों के देव महादेव ने भी अपने गले में इसे धारण किया हुआ है। मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने से सांप के डसने का भय नहीं रहता और ग्रहों के दोष भी दूर हो जाते हैं। जानिए नाग पंचमी की पूजा विधि, मुहूर्त, महत्व और कथा।
महत्व: नाग पंचमी का दिन कालसर्प योग, गुरु चांडाल योग और ग्रहण योग से मुक्ति पाने के लिए सर्वोत्तम माना जाता है। मान्यता है कि श्रावण शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग देवता की पूजा करने से सभी दोषों से मुक्ति मिल जाती है। इस दिन नागों को दूध पिलाने से अक्षय-पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन घर के मुख्य द्वार के दोनों ओर गाय के गोबर से नाग का चित्र बनाया जाता है। ऐसा करने के पीछे मान्यता है कि इससे सांप के दंश का भय दूर हो जाता है। इस दिन रुद्राभिषेक कराना भी काफी फलदायी माना जाता है। यदि राहु केतु की दशा चल रही है तो इससे मुक्ति के लिए भी नाग पंचमी विशेष तिथि मानी गई है।
पूजा विधि: इस दिन कई लोग व्रत रख नाग देवता की पूजा करते हैं। नाग पंचमी की पूजा करने के लिए नाग चित्र या फिर मिट्टी की सर्प मूर्ति को लकड़ी की चौकी पर रखें। फिर हल्दी, रोली, फूल और अक्षत से नाग देवता की पूजा करें। इसके बाद कच्चा दूध, घी, चीनी मिलाकर नाग देवता को अर्पित करें। फिर अंत में नाग देवता की आरती उतारें और नाग पंचमी की कथा सुनना न भूलें। (यह भी पढ़ें- Nag Panchami 2021: क्यों मनाया जाता है नाग पंचमी का पर्व, जानिए इससे जुड़ी पौराणिक कथाएं)
मुहूर्त: नाग पञ्चमी पूजा का शुभ मूहूर्त 13 अगस्त को सुबह 05:49 बजे से शुरू हो जाएगा और इसकी समाप्ति सुबह 08:28 बजे होगी। इस मुहूर्त की कुल अवधि 02 घण्टे 39 मिनट की है। पंचमी तिथि की शुरुआत 12 अगस्त को दोपहर 03:24 PM पर होगी और इसकी समाप्ति 13 अगस्त को 01:42 PM पर होगी। (यह भी पढ़ें- सुख-समृद्धि के लिए घर में सूर्यदेव की कौन सी प्रतिमा लगाना माना जाता है शुभ, जानिए सही दिशा)