Vishwakarma Puja 2021: सनातन धर्म में विश्वकर्मा पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन लोग भगवान विश्वकर्मा की पूजा के साथ अपने औजारों, मशीनों और दुकानों की भी पूजा करते हैं। विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर दिन शुक्रवार को है। इस दिन कई दुकानें और दफ्तर बंद रहते हैं। इस पूजा को करने के पीछे मान्यता ये है कि इससे व्यक्ति की शिल्पकला का विकास होता है और व्यापार में तरक्की मिलती है। हिन्दू धर्म में भगवान विश्वकर्मा को सृष्टि का निर्माणकर्ता और शिल्पकार माना जाता है। जानिए इनकी पूजा विधि।

विश्वकर्मा पूजा विधि: विश्वकर्मा पूजा वाले दिन फैक्ट्री, दुकान आदि के स्वामी अपनी पत्नी के साथ शुभ मुहूर्त में पूजा स्थल पर बैठ जाएं। इसके बाद एक चौकी पर भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति स्थापित करें। इसके बाद जिन मशीनों, औजारों की आप पूजा करना चाहते हैं उन पर हल्दी अक्षत और रोली लगाएं। भगवान विश्वकर्मा को फूल, चंदन, अक्षत, धूप, रोली, दही, सुपारी, रक्षा सूत्र, फल और मिठाई अर्पित करें। ये सब चीजें उन उपकरणों को भी चढ़ाएं जिनकी आप पूजा करना चाहते हैं। पूजा में जल से भरा कलश भी शामिल करें और उस पर हल्दी, चावल और रक्षासूत्र चढ़ाएं। अंत में भगवान विश्वकर्मा जी की आरती उतारें और उन्हें भोग लगाकर प्रसाद सभी में बांट दें। पूजा के अगले दिन भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा का विसर्जन भी ज़रूर करें।

भगवान विश्वकर्मा की आरती
ॐ जय श्री विश्वकर्मा, प्रभु जय श्री विश्वकर्मा।
सकल सृष्टि के कर्ता, रक्षक श्रुति धर्मा॥ ॐ जय…

आदि सृष्टि में विधि को श्रुति उपदेश दिया।
जीव मात्रा का जग में, ज्ञान विकास किया॥ ॐ जय…

ऋषि अंगिरा ने तप से, शांति नहीं पाई।
ध्यान किया जब प्रभु का, सकल सिद्धि आई॥ ॐ जय…

रोग ग्रस्त राजा ने, जब आश्रय लीना।
संकट मोचन बनकर, दूर दुःख कीना॥ ॐ जय…

जब रथकार दंपति, तुम्हरी टेर करी।
सुनकर दीन प्रार्थना, विपत हरी सगरी॥ ॐ जय…

एकानन चतुरानन, पंचानन राजे।
त्रिभुज चतुर्भुज दशभुज, सकल रूप सजे॥ ॐ जय…

ध्यान धरे जब पद का, सकल सिद्धि आवे।
मन दुविधा मिट जावे, अटल शक्ति पावे॥ ॐ जय…

“श्री विश्वकर्मा जी” की आरती, जो कोई नर गावे।
कहत गजानंद स्वामी, सुख संपति पावे॥ ॐ जय…

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विश्वकर्मा पूजा का महत्व: कहा जाता है कि भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से व्यक्ति को किसी भी तरह की कोई कमी नहीं रहती है। व्यापार में तरक्की होती है। जीवन में धन-धान्य और समृद्धि की कोई कमी नहीं रहती।