Vidur Niti In Hindi: महाभारत के अनेकों बुद्धिजीवियों में से एक नाम महात्मा विदुर का भी आता है। वे दूरदर्शी, अत्यंत शांत और सरल स्वभाव के थे। ये महाराज धृतराष्ट्र के भाई थे। महाराज धृतराष्ट्र इनसे महत्वपूर्ण विषयों पर सलाह लेते थे। महाभारत युद्ध से पहले युद्ध के परिणामों को लेकर महात्मा विदुर और महाराज धृतराष्ट्र के बीच हुई चर्चा की महत्वपूर्ण बातें विदुर नीति के रूप में जानी जाती हैं। विदुर नीति में ऐसी 3 चीजें बताई गई हैं जिनका तुरंत इंसान को त्याग कर देना चाहिए।
त्रिविधं नरकस्येदं द्वारम नाशनमात्मन: ।
काम: क्रोधस्तथा लोभस्तस्मादेतत्त्रयं त्यजेत्।।
विदुर नीति के इस श्लोक के अनुसार काम, क्रोध और लोभ ये तीनों चीजें आत्मा का नाश करने वाली और नरक के तीन द्वार हैं। इसलिए इन तीनों का तुरंत त्याग कर देना चाहिए।
काम: अत्याधिक कामभावना व्यक्ति को पतन की ओर ले जाती है इसलिए इंसान को सदैव कामभावना पर नियंत्रण रखना चाहिए। अपने जीवनसाथी के अलावा किसी के प्रति कामभावना नहीं रखनी चाहिए। ये चीज इंसान की बर्बादी का कारण बनती है।
क्रोध: क्रोध में व्यक्ति को सही और गलत का ध्यान नहीं रहता है। गुस्से में दिमाग काम करना बंद कर देता है जिससे व्यक्ति की सोचने समझने की शक्ति नष्ट हो जाती है। गुस्से में व्यक्ति दूसरों के साथ स्वयं का भी नुकसान कर बैठता है। क्रोध में व्यक्ति कई बार गलत कार्य या गलत निर्णय भी ले लेता है जिसे लेकर बाद में पछताने के सिवा कुछ नहीं बचता। इसलिए अत्याधिक क्रोध करने की आदत को त्याग देना ही किसी के लिए भी उचित रहता है। जोखिम भरे कार्यों से धन कमाते हैं इन बर्थ डेट वाले लोग, जमीन जायदाद के मामले में होते हैं लकी
लोभ: लोभ में व्यक्ति कई अनुचित कार्य करने लगता है जो अकसर बर्बादी का कारण बनता है। अगर इंसान में संतुष्टि की भावना नहीं है तो उसे कोई भी चीज खुशी नहीं दे सकती है। लोभी और लालची व्यक्ति अपना नुकसान कर लेता है। अगले साल शनि बदलेंगे अपनी राशि, एक राशि को शनि साढ़े साती तो 2 को शनि ढैय्या से मिलेगी मुक्ति