Vidur Niti  In Hindi: आचार्य चाणक्य की नीतियों की तरह ही विदुर नीति भी लोगों के बीच में काफी लोकप्रिय हैं। विदुर नीति के अंतर्गत महात्मा विदुर ने लाइफ मैनेजमेंट के बहुत से सूत्र बताए हैं। जो आज के समय में भी काफी प्रासंगिक हैं। कहा जाता है कि बुरे समय में रखा हुआ धन ही काम आता है। इसलिए धन का संचय जरूरी है। जानिए ऐसा क्या करें जिससे पैसे बचे भी और बढ़ें भी। विदुर नीति में लक्ष्मी यानी धन का अधिकारी बनने के लिए कुछ सूत्र बताए गए हैं जो इस प्रकार हैं…

श्रीर्मङ्गलात् प्रभवति प्रागल्भात् सम्प्रवर्धते।
दाक्ष्यात्तु कुरुते मूलं संयमात् प्रतितिष्ठत्ति।।

विदुर नीति अनुसार अच्छे कर्म करने से लक्ष्मी स्थाई तौर पर आती है। तात्पर्य जो लोग अपनी मेहनत और पूरी ईमानदारी से कार्य करके धन प्राप्त करते हैं उनके पास आया हुआ पैसा लंबे समय तक के लिए टिकता है। साथ ही अगर धन का इस्तेमाल सोच समझकर किया जाए और उसका सही तरीके से आय-व्यय किया जाए तो धन की बचत भी होगी और वह बढ़ेगा भी। यानी धन को अगर हम सही जगह और सही कार्यों में लगाएंगे तो वह निश्चित रूप से हमें लाभ देगा।

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धन की रक्षा के लिए आपको हर तरह से संयम रखना होगा। इसका मतलब है कि आवश्यक जरूरतों पर ही धन खर्च करें। क्योंकि अगर आप सुख पाने और शौक पूरा करने में धन खर्च करते हैं तो धन की कमी हमेशा बनी रहेगी। इसलिए धन खर्च करने में मानसिक, शारीरिक और वैचारिक संयम रखना बेहद ही जरूरी है।

विदुर नीति के एक श्लोक में बताया गया है कि जो व्यक्ति धन धान्य से परिपूर्ण होता है उसे दान जरूर करना चाहिए। दान करने वाले व्यक्ति को हमेशा सम्मान मिलता है। धन को बढ़ाने के लिए भी दान जरूरी है नहीं तो धन रखा रखा ही नाश हो जाएगा।

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