विदुर महाराज धृतराष्ट्र के महामंत्री थे तथा उन्होंने महाभारत युद्ध को टालने का हरसंभव प्रयास किया था हालांकि युद्ध नहीं टल सका। विदुर नीति के अंतर्गत नीति सिद्धांतों का बेहद ही सुंदर वर्णन किया गया है। विदुर-नीति वास्तव में महाभारत युद्ध से पूर्व युद्ध के परिणाम को लेकर शंकित महाराज धृतराष्ट्र के साथ विदुर का संवाद है। कहा जाता है कि युद्ध से पहले महाराजा धृतराष्ट्र अपने सलाहकार विदुर को बुलाकर युद्ध के अच्छे-बुरे के बारे में चर्चा करते हैं। इस चर्चा का वर्णन ‘महाभारत’ के उद्योग पर्व में भी मिलता है। यहां आप जानेंगे विदुर की उस नीति के बारे में जिसमें उन्होंने बताया था कि किन 3 उपायों को करने से आप पूरी दुनिया जीत सकते हैं…

त्रिविधं नरकस्येदं द्वारम नाशनमात्मन: ।
काम: क्रोधस्तथा लोभस्तस्मादेतत्त्रयं त्यजेत्।।
अर्थ: विदुर नीति अनुसार काम, क्रोध, और लोभ ये तीनों आत्मा का नाश करने वाले नरक के तीन दरवाजे हैं, अतः इन तीनों का त्याग कर देना चाहिए।

महात्मा विदुर ने धृतराष्ट्र को कहा था कि यदि किसी व्यक्ति के मन में काम, क्रोध अथवा लोभ का भाव आ जाए तो उसे नींद नहीं आती है। ऐसे में जब तक व्यक्ति की इच्छाएं तृप्त नहीं हो जाती तब तक वह सो नहीं पाता है। ये भावनाएं व्यक्ति के मन को अशांत कर देती हैं जिससे वह किसी भी काम को ठीक से पूरा नहीं कर पाता है। इन चीजों में लिप्त व्यक्ति ठीक से सौ नहीं पाता।

कामभावना व्यक्ति को सदैव पतन की ओर ले जाता है। अतः अपने जीवनसाथी के अलावा किसी के भी प्रति कामभाव नहीं रखना चाहिए। व्यक्ति को अपने आप पर नियंत्रण करने की कोशिश करनी चाहिए। मिथुन राशि में बुध का प्रवेश इन 4 राशियों के लिए रहेगा शुभ, नौकरी-बिजनेस में तरक्की के आसार

क्रोध आना स्वभाविक है लेकिन अधिक क्रोध आना अच्छी नहीं है। जो व्यक्ति बात-बात पर अत्याधिक क्रोधित हो जाता है। उसे कहीं सुख चैन नहीं मिल पाता है। गुस्सा सोचने समझने की शक्ति को खत्म कर देता है। इसलिए अगर दुनिया जीतना चाहते हैं तो अपने क्रोध पर नियंत्रण करना सीखें।

लोभ या लालच भी व्यक्ति की बर्बादी का कारण बनता है। इंसान को अपनी चीजों से संतुष्ट रहना चाहिए। किसी भी चीज को लेकर लालच करने से एक न एक दिन अपना ही नुकसान होता है।