चाणक्य की तरह ही विदुर की नीतियों को भी काफी सराहा जाता है। विदुर नीति वास्तव में महाभारत युद्ध से पहले युद्ध के परिणामों को लेकर हुए संवाद से संबंधित है। ये संवाद महात्मा विदुर और हस्तिनापुर के राजा धृतराष्ट्र के बीच हुआ था। धृतराष्ट्र अपने सलाहकार विदुर से युद्ध के अच्छे-बुरे परिणामों के बारे में चर्चा करते हैं। जिसमें विदुर ने कई ज्ञान की बातें बताई हैं। यहां हम बात करेंगे विदुर की उस नीति के बारे में जिसमें ऐसी चार बातें बताई गई हैं जो किसी भी स्त्री या पुरुष की नींद उड़ाने के लिए काफी हैं।
विदुर कहते हैं अगर व्यक्ति के मन में काम-भावना विद्यमान हो जाए तो ऐसे में उसकी नींद उड़ जाती है। विदुर नीति अनुसार जब तक व्यक्ति की काम-भावना की तृप्ति नहीं हो जाती है तब तक उसे नींद नहीं आ सकती। विदुर कहते हैं कि काम की भावना व्यक्ति के दिमाग को अशांत कर देती है जिससे वे इंसान कोई भी काम ठीक से नहीं कर पाता है।
विदुर नीति अनुसार यदि आपकी शत्रुता किसी बलवान व्यक्ति से हो जाए तो भी व्यक्ति की नींद उड़ जाती है। ऐसे में आप हमेशा अपने दुश्मन के बारे में ही सोचते रहेंगे और उससे बचने के उपाय सोचेंगे। कही किसी प्रकार की अनहोनी न हो जाए ऐसे ही विचार आपके मन में आते रहते हैं।
विदुर कहते हैं कि जिस व्यक्ति का सब-कुछ छीन लिया जाए तो उसकी भी रातों की नींद उड़ जाती है। ऐसा व्यक्ति एक पल भी चैन से नहीं रह पाता है सोना तो दूर की बात है। ऐसे व्यक्ति हर समय ये सोचता रहता है कि आखिर वह कैसे अपनी खोई चीज को वापस पाए।
विदुर कहते हैं कि चोर कभी सुख-चैन से नहीं सो पाता है। अगर किसी व्यक्ति को चोरी करने की आदत पड़ जाए तो वह चोरी करके ही अपना पेट भरने की सोचता है और जिस कारण उसे कभी नींद नहीं आती है। ऐसा इंसान दिन-रात चोरी करने की प्लानिंग ही करता रहता है और मन ही मन उसे ये डर भी सताता रहता है कि कहीं उसे कोई पकड़ न लें।

