Utpanna Ekadashi 2019 Date, Muhurat, Significance And Katha: साल में कुल 24 एकादशी पड़ती हैं इस एकादशियों पर व्रत रखने का खास महत्व माना जाता है। लेकिन मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी काफी अहम होती है। क्योंकि मान्यता है कि इसी दिन एकादशी माता का जन्म हुआ था। साल 2019 में ये एकादशी 22 नवंबर को पड़ रही है। उत्पन्ना एकादशी पर भगवान विष्णु और एकादशी माता की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है।

उत्पन्ना एकादशी का महत्व: माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु ने मुरमुरा नामक राक्षस का वध किया था। जिस खुशी में उत्पन्ना एकादशी मनाई जाती है। उत्तर भारत में उत्पन्ना एकादशी मार्गशीर्ष महीने में पड़ती है जबकि कर्नाटक, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश एवं गुजरात में यह एकादशी कार्तिक मास में मनाई जाती है। एकादशी व्रत रखने वाले उत्पन्ना एकादशी से ही व्रत शुरु करते हैं।

उत्पन्ना एकादशी की पौराणिक कथा: सतयुग में मुर नामक एक शक्तिशाली राक्षस था। उसने स्वर्गलोक पर कब्जा कर लिया जिसके कारण सभी देवताओं को मृत्यु लोक में जाना पड़ा। इससे दुखी होकर स्वर्ग के राजा इंद्र भगवान शंकर के पास पहुंचे और देवताओं की रक्षा करने के लिए कहा। तब भोलेशंकर ने कहा कि भगवान विष्णु आपकी मदद कर सकते हैं। इंद्र के साथ सभी देवता क्षीरसागर पहुंचे और भगवान विष्णु से रक्षा करने की याचना की। तब भगवान विष्णु ने चंद्रनगरी पहुंचर मुर नामक राक्षस से युद्ध शुरू कर दिया।

10 हजार वर्ष तक उनका युद्ध चलता रहा किंतु मुर नहीं हारा। थककर भगवान बद्रिकाश्रम चले गए। वहां हेमवती नामक सुंदर गुफा थी, उसमें विश्राम करने के लिए भगवान उसके अंदर प्रवेश कर गए। यह गुफा 12 योजन लंबी थी और उसका एक ही द्वार था। विष्णु भगवान वहां योगनिद्रा की गोद में सो गए।मुर भी पीछे-पीछे आ गया और भगवान को सोया देखकर मारने को उद्यत हुआ तभी भगवान के शरीर से उज्ज्वल, कांतिमय रूप वाली देवी प्रकट हुई। देवी ने राक्षस मुर को ललकारा, युद्ध किया और उसे तत्काल मौत के घाट उतार दिया।

श्री हरि जब योगनिद्रा की गोद से उठे, तो सब बातों को जानकर उस देवी से कहा कि आपका जन्म एकादशी के दिन हुआ है, अत: आप उत्पन्ना एकादशी के नाम से पूजित होंगी। आपके भक्त वही होंगे, जो मेरे भक्त हैं।