Aja Ekadashi 2019 Vrat: भद्रपद (भादों) कृष्ण पक्ष की एकादशी को अजा एकादशी कहते हैं। इसे कमिका एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस बार अजा एकादशी 26 अगस्त (सोमवार) को रखा गया जिसका पारण आज यानी कि 27 अगस्त को है। अजा एकादशी के दिन भगवान विष्णु सहित माता लक्ष्मी की पूजा का विधान है। अजा एकादशी का महत्व सबसे पहले श्रीकृष्ण ने अर्जुन को बताया था। इस संबंध में श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते हैं कि जो मनुष्य कृष्ण पक्ष की एकादशी को व्रत रखकर भगवान विष्णु सहित लक्ष्मी की पूजा करता है उसके समस्त पाप कट जाते हैं। साथ ही उसे मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।

अजा एकादशी पारण का समय (Aja Ekadashi 2019 Parana Time): आजा एकादशी का पारण 27 अगस्त को 05 बजकर 10 मिनट के बाद।

अजा एकादशी कथा (Aja Ekadashi 2019 Vrat Katha) :

अजा एकादशी की कथा राजा हरिशचन्द्र से जुड़ी हुई है। हरिशचन्द्र अत्यंत वीर प्रतापी और सत्यवादी राजा थे। उन्होंने अपनी सत्यता और वचन पूर्ति हेतु पत्नी और पुत्र को बेच दिया। स्वयं भी एक चाण्डाल का सेवक बन जाते हैं। इस संकट से मुक्ति पाने का उपाय गौतम ऋषि उन्हें देते हैं। महर्षि ने राजा को अजा एकादशी व्रत के विषय में बताया। गौतम ऋषि के कहे अनुसार राजा विधि-पूर्वक व्रत करते हैं। कहते हैं कि इसी व्रत के प्रभाव से राजा के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। व्रत के प्रभाव से उसको फिर से अपना राज्य मिल जाता है। अंत समय में वह अपने परिवार सहित स्वर्ग को प्राप्त हो जाता है। यह सब अजा एकादशी के व्रत के प्रभाव से संभव हुआ। मान्यताओं के अनुसार जो मनुष्य इस व्रत को विधि-विधान पूर्वक करते है और रात में जागरण करते हैं। उनके समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और अन्त में स्वर्ग को प्राप्त होता है। इस एकादशी की कथा के सुनने मात्र से ही अश्वमेघ यज्ञ के समान फल मिलता है।