Mehndi Designs Karwa Chauth 2018 Simple and Easy Image, Photos, Pictures: करवा चौथ का त्योहार कार्तिक मास की चतुर्थी के दिन मनाया जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। इस दिन महिलाएं सुबह से रात को चांद निकलने तक कुछ खाती-पीती नहीं हैं। पति की लंबी उम्र के साथ उनके काम को सफल करने के लिए भी महिलाएं व्रत रखती हैं। यह त्योहार एक दिन का होता है। जो उत्तरी भारत के कई शहरों में मनाया जाता है। इस दौरान मेंहदी लगाना बेहद आम है।
करवा चौथ के दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं। साथ ही हाथों में मेहंदी लगाती हैं। मेहंदी लगाने से आपके हाथों की सुंदरता भी बढ़ जाती है। मेहंदी के रंग को गहरा बनाने के लिए आप कई तरीकों से मेहंदी लगा सकती हैं। तो आइए आपको बताते हैं कि कैसे मेहंदी के रंग को गहरा बना सकती हैं।
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मेहंदी का रंग गहरा कैसे करें:
1- मेहंदी लगाते समय ध्यान रहे कि मेहंदी बहुत महीन ना हो। मोटी लकीर की मेहंदी लगाने से यह ज्यादा रचती है।
2-मेहंदी को घंटो तक हाथ पर लगे रहने दें।
3-मेहंदी के रंग को और गहरा बनाने के लिए इसके सूख जाने के बाद नींबू का रस और चीनी के रस को रुई की मदद से लगाएं।
4- मेहंदी हटाने के लिए पानी का इस्तेमाल ना करें।
5- मेहंदी हटाने के बाद हाथों पर सरसों का तेल लगा लें।
मेहंदी के डिजाइन:
मेहंदी लगाते समय ध्यान रहे कि मेहंदी बहुत महीन ना हो

मेहंदी को घंटो तक हाथ पर लगे रहने दें



इन लेटेस्ट डिजाइन की मदद से आप अपनी मेहंदी को और सुंदर बना सकते हैं।


करवा चौथ पर पूजन के लिए आपको शिव-पार्वती और गणपति की फोटो, कच्चा दूध, कुमकुम, अगरबत्ती, शक्कर, शहद, पुष्प, शद्ध घी, दही, मेहंदी, मिठाई, गंगा जल, चंदन, चावल, सिंदूर, महावर, कंघा, मेहंदी, चुनरी, बिंदी, बिछुआ, चूड़ी, मिट्टी का टोंटीदार करवा और ढक्कन, दीपक और बाती के लिए रूई, गेंहू, शक्कर का बूरा, पानी का लोटा, गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टी, लकड़ी का आसन, छन्नी, आठ पूरियों की अठवारी, हलवा और दक्षिणा के लिए पैसे की जरूरत होगी।
हिंदू पौराणिक कथा के अनुसार करवा चौथ की शुरुआत देवपत्नियों ने की थी। ऐसी मान्यता है कि देवासुर संग्राम में देवताओं की पराजय दिखने लगी और राक्षस जीतने लगे तब ब्रह्माजी ने देवताओं की पत्नियों को व्रत रखने के लिए कहा। ब्रह्माजी की बात मानते हुए देवराज इंद्र की पत्नी इंद्राणी ने व्रत रखा। उनके अलावा समस्त देवताओं की पत्नियों ने भी व्रत रखा। फलस्वरूप देवताओं की विजय हुई। करवा चौथ के व्रत में महिलाएं दिन भर निर्जला उपवास करती हैं। देर शाम को चंद्रमा के निकलने के बाद पहले पति का चेहरा देखती हैं। उसके बाद पति के हाथों से पानी पीकर अपना व्रत तोड़ती हैं।
करवा चौथ पर इन तीन बातों का रखें ध्यान- 1. करवा चौथ पर सुहागिन महिला को व्रत करते समय काले या सफेद वस्त्र नहीं पहनने चाहिए। 2. सुहाग से जुड़ी वस्तुओं को कचरे में नहीं फेंकना चाहिए। 3. व्रत रखने वाली महिला को सिलाई या कढ़ाई का काम नहीं करना चाहिए।
उत्तर भारत में करवा चौथ व्रत व्यापक पैमाने पर रखा जाता है। हर सुहागन महिला यह व्रत करती है। इसलिए करवा चौथ के व्रत में मेंहदी की अहमियत काफी बढ़ जाती है। इस मौके पर विवाहित महिलाएं अनेकों तरह की डिजाइन में मेंहदी लगाती हैं। करवा चौथ के मौके पर मेंहदी लगवाने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है
करवा चौथ का ये त्योहार,
आये और लाये खुशियां हज़ार
यही है दुआ हमारी
आप हर बार मनाये ये त्योहार
Happy Karva Chauth
(करवा चौथ की पूजन के दौरान महिलाएं, फाइल फोटो)
ऐसी मान्यता है कि ब्रह्माजी की बात मानते हुए देवराज इंद्र की पत्नी इंद्राणी ने व्रत रखा। उनके अलावा समस्त देवताओं की पत्नियों ने भी व्रत रखा। फलस्वरूप देवताओं की विजय हुई।
करवा चौथ के दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं। साथ ही हाथों में मेहंदी लगाती हैं। मेहंदी लगाने से आपके हाथों की सुंदरता भी बढ़ जाती है। साथ ही करवा चौथ पर मेहंदी लगाना काफी शुभ फलदायी माना गया है।
ऐसी मान्यता है कि देवासुर संग्राम में देवताओं की पराजय दिखने लगी और राक्षस जीतने लगे तब ब्रह्माजी ने देवताओं की पत्नियों को व्रत रखने के लिए कहा।
उत्तर भारत में करवा चौथ व्रत व्यापक पैमाने पर रखा जाता है। हर सुहागन महिला यह व्रत करती है। इसलिए करवा चौथ के व्रत में मेंहदी की अहमियत काफी बढ़ जाती है। इस मौके पर विवाहित महिलाएं अनेकों तरह की डिजाइन में मेंहदी लगाती हैं। करवा चौथ के मौके पर मेंहदी लगवाने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है।
पूजा की थाली तैयार करने के लिए एक स्टील या ब्रास की थाली लें। इसमें कॉटन को तेल में डुबाकर उससे थाली में शुभ चिह्न बनाएं। थाली में कुमकुम और चावल को अलग-अलग छोटी कटोरी में रखें। थाली में दीया, अगरबत्ती और मिठाई रखें। मिट्टी के करवा को सजाकर उसमें पानी भर लें। इसके साथ ही चांद को देखने के लिए एक सजी हुई छलनी अपने पास रख लें। थाली पर चुटकी से सिंदूर, हल्दी या रंगोली कलर मिलाकर छिड़क दें जिससे आपकी थाली और भी सुंदर दिखेगी। इसके अलावा थाली और करवा के किनारों पर अलग-अलग रंगों की लेस चिपकाकर इसकी सुंदरता बढ़ाई जा सकती है।
इस दिन महिलाओं के व्रत रखने और पूजा करने से पति की उम्र लंबी होती है। इस दिन चांद का खास महत्व होता है। क्योंकि इस दिन चांद को जल चढ़ाया जाता है। पहले महिलाएं चांद की आरती करती हैं। छलनी से चांद को देखती हैं। इसके बाद अपने पति को देखती हैं। यह रस्म पूरी होने के बाद ही महिलाएं पानी पीती हैं और मीठा खा कर व्रत तोड़ती हैं।
करवा चौथ हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं 16 श्रृंगार करती हैं। साथ ही हाथों पर सुंदर-सुंदर मेहंदी भी लगाती हैं। इन राज्यों में करवा चौथ का उत्सव देखते ही बनता है।
करवा चौथ पर उपवास का पूरा पुण्य पाने के लिए इस त्योहार को पूरी श्रद्धा से मनाएं। लाल, नारंगी या हरे रंग की साड़ी पहनें। भगवान शिव और पार्वती का ध्यान करना इस दिन उचित माना जाता है। कहते हैं कि इनके ध्यान से परिवार में समृद्धि आती है।
1. करवा चौथ पर सुहागिन महिला को व्रत करते समय काले या सफेद वस्त्र नहीं पहनने चाहिए।
2. सुहाग से जुड़ी वस्तुओं को कचरे में नहीं फेंकना चाहिए।
3. व्रत रखने वाली महिला को सिलाई या कढ़ाई का काम नहीं करना चाहिए।
करवा चौथ पर शादीशुदा महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। इस व्रत में महिलाएं सुबह से शाम तक कुछ भी खाती-पीती नहीं हैं। उसके बाद शाम को कथा सुनने, पूजा करने और चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत खोलती हैं। करवा चौथ में महिलाएं सिर्फ पति की लंबी आयु के लिए ही नहीं बल्कि उनके काम में उन्नति के लिए भी प्रार्थना करती हैं।
मेहंदी लगाते समय ध्यान रहे कि मेहंदी बहुत महीन ना हो। मोटी लकीर की मेहंदी लगाने से यह ज्यादा रचती है। मेहंदी को घंटो तक हाथ पर लगे रहने दें। मेहंदी के रंग को और गहरा बनाने के लिए इसके सूख जाने के बाद नींबू का रस और चीनी के रस को रुई की मदद से लगाएं। मेहंदी हटाने के लिए पानी का इस्तेमाल ना करें। मेहंदी हटाने के बाद हाथों पर सरसों का तेल लगा लें।
करवा चौथ पर इस मेहंदी डिजाइन ने लोगों को लुभाया है।