महाभारत का युद्ध धर्म और अधर्म के बीच माना जाता है। जिसमें भगवान श्री कृष्ण की महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती है। इस युद्ध में धर्म की स्थापना के लिए श्रीकृष्ण ने सारथी बने थे। श्रीकृष्ण ने इस युद्ध में हथियार नही उठाए लेकिन उन्हें सबसे ज्यादा नुकसान झेलना पड़ा। गांधारी के श्राप की वजह से यदुवंशियों का नाश हो गया। साथ ही उनके माता-पिता को भी इसका नुकसान उठना पड़ा। आइए आज जानते हैं कैसे श्रीकृष्ण के माता-पिता की मृत्यु हुई।
महाभारत का युद्ध खत्म होने के बाद जब भगवान श्रीकृष्ण गांधारी से मिले और उन्होंने कौरव की मृत्यु का समाचार उनकी माता गांधारी का सुनाया। अपने पुत्रों की यह खबर सुनकर गांधारी विलाप करने लगी और परेशान गांधारी को भगवान श्रीकृष्ण पर क्रोध आ गया और उनसे कहा कि आप तो भगवान हैं, आप सबकुछ जानते थे लेकिन आपने कुछ भी रोकने की कोशिश नहीं की। मेरे कुल का विनाश हो गया, आपको इसका दंड मिलना ही चाहिए, आपके कुल का भी नाश होगा। आपके वंश के सभी भाई आपस में लड़ मरेंगे। भगवान श्रीकृष्ण ने इस श्राप को स्वीकार किया।
माना जाता है कुछ वर्षों बाद यादवों के बीच युद्ध शुरू हो गया जिसमें यादव वंश का नाश हुआ। वहीं श्रीकृष्ण को एक बहेलिए ने हिरन समझकर तीर मार दिया जिससे श्रीकृष्ण के पूरे शरीर में विष फैल गया और उनकी मृत्यु हो गयी। माना जाता है भगवान श्रीकृष्ण को अपने पिछले जन्म का फल मिला था जब उन्होंने श्रीराम रूप में बाली को धोखे से मार दिया था। जब श्रीकृष्ण की मृत्यु का समाचार वासुदेव को मिला तो वह पुत्र वियोग को सहन नहीं कर सका और उनकी मृत्यु हुई। वहीं अपने पति वासुदेव की मृत्यु से विचलित देवकी ने उनकी चिता में अपनी जान दे दी।


