Gemstone Ruby Benefits: वैसे तो किसी भी क्षेत्र में सफलता पाने के लिए कड़ी मेहनत की सबसे अधिक जरूरत होती है। लेकिन कई बार कठिन परिश्रम के बाद भी इंसान को वो सफलता हासिल नहीं हो पाती जिसकी उसे चाह थी। ज्योतिष अनुसार इसका कारण हमारे ग्रह-नक्षत्र होते हैं। अगर नौकरी में अच्छा मुकाम हासिल करना चाहते हैं तो ऐसे में सूर्य ग्रह को मजबूत करने की जरूरत होती है। इसके लिए ज्योतिष शास्त्र में माणिक्य रत्न पहनने की सलाह दी जाती है। अंग्रेजी में इस रत्न को रूबी कहते हैं। जानिए इस स्टोन को पहनने के क्या हैं फायदे और किन्हें करता है ये सूट?

माणिक्य रत्न के फायदे? अगर नौकरी में प्रमोशन व सरकारी विभाग में लाभ प्राप्त करना चाहते हैं तो ऐसे में किसी ज्योतिष की सलाह से आप माणिक्य रत्न धारण कर सकते हैं। इसे पहनने से सूर्य ग्रह मजबूत होता है। जिससे व्यक्ति के साहस में वृद्धि होती है और वह हर क्षेत्र में सफलता हासिल कर सकता है। माणिक्य अगर किसी को सूट कर जाए तो उस व्यक्ति को सूर्य के समान तेज प्राप्त होता है। अगर आप प्रशासनिक क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं तो भी आप इस रत्न को धारण कर सकते हैं। माणिक्य रत्न का रंग हल्के गुलाबी से लेकर गहरे लाल रंग तक का होता है। सूर्य से संबंधिक इस रत्न को पहनने से व्यक्ति के अंदर नेतृत्व के गुण आ जाते हैं जिसके चलते व्यक्ति को प्रशासनिक सेवाओं के पदों से प्रशंसा प्राप्त होती है।

किसे करना चाहिए धारण? यदि आपकी कुंडली में सूर्य द्वितीय या चतुर्थ भाव में स्थित होता है तो व्यक्ति को पारिवारिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में जातकों को माणिक्य रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है। ये संबंधों को मजबूत बनाता है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार जिनकी राशि अथवा लग्न सिंह, कर्क, मेष, वृश्चिक एवं धनु है उन्हें माणिक्य रत्न धारण करना चाहिए। जो लोग जुलाई के महीने या फिर रविवार के दिन पैदा हुए हैं उन्हें भी यह रत्न सूट कर सकता है। महीने की 1, 10, 19 और 28 तारीख को जन्मे लोग भी माणिक्य रत्न पहन सकते हैं। सूर्य की महादशा में भी माणिक्य पहन कर देख सकते हैं। लेकिन इसके लिए किसी विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। क्योंकि ऐसा माना जाता है माणिक्य रत्न अगर सूट न करे तो ये विनाशकारी साबित भी हो सकता है। यह भी पढ़ें- विदुर नीति: ये 3 आदतें इंसान को कर देती हैं बर्बाद, इनका तुरंत कर देना चाहिए त्याग

माणिक्य रत्न धारण करने की विधि? इस रत्न को सोने या तांबे की अंगूठी में बनवाकर पहना जा सकता है। लेकिन इस अंगूठी को धारण करने से पहले उसे कच्चे दूध या गंगा जल में भिगो दें। इसके बाद भगवान शिव या फिर भगवान विष्णु की अराधना करें और सूर्य के बीज मंत्र- ॐ ह्रां ह्रीं ह्रोम सः सूर्याय नमः का 108 बार जाप करें। इन अनुष्ठानों के बाद ही अंगूठी रविवार के दिन धारण करें। यह भी पढ़ें- इन 4 राशि वालों के जीवन में धन की नहीं होती कमी, बचत करने में ये लोग होते हैं माहिर