शनि साढ़े साती (Shani Sade Sati) की तरह ही शनि ढैय्या (Shani Dhaiya) का भी लोगों पर गहरा असर पड़ता है। शनि की ये दशा ढाई वर्ष की होती है जिसे छोटी पनौती भी कहा जाता है। शनि जब भी अपनी राशि बदलते हैं तो 2 राशियों पर शनि ढैय्या शुरू हो जाती है। वर्तमान में मिथुन और तुला जातकों पर शनि ढैय्या चल रही है। शनि इस समय मकर राशि में विराजमान हैं। साल 2021 में शनि का राशि परिवर्तन नहीं है। ढाई साल बाद शनि 2022 में राशि बदलने जा रहे हैं। जानिए शनि के राशि बदलते ही किन राशियों पर शुरू हो जायेगी शनि ढैय्या।
शनि 29 अप्रैल 2022 में कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। शनि इस राशि के स्वामी ग्रह भी हैं। शनि के कुंभ राशि में प्रवेश करते ही कर्क और वृश्चिक जातकों पर शनि ढैय्या शुरू हो जायेगी। वहीं मिथुन और तुला जातकों को इससे मुक्ति मिल जायेगी। साथ ही मीन जातकों पर शनि साढ़े साती का पहला चरण शुरू हो जायेगा। कुंभ वालों पर इसका दूसरा चरण और मकर वालों पर इसका आखिरी चरण शुरू हो जायेगा। धनु वालों को शनि साढ़े साती से मुक्ति मिल जायेगी।
शनि 2022 में 12 जुलाई को वक्री होकर मकर राशि में फिर से प्रवेश करेंगे। जिससे वो राशियां जो शनि ढैय्या और शनि साढ़े साती से मुक्त हो गई थीं वो फिर से इस दौरान शनि की चपेट में आ जायेंगी। शनि वक्री अवस्था में मकर राशि में 12 जुलाई 2022 से लेकर 17 जनवरी 2023 तक रहेंगे। इस दौरान मिथुन और तुला वालों पर शनि ढैय्या रहेगी तो मकर, कुंभ और धनु वालों पर शनि साढ़े साती। 17 जनवरी 2023 में शनि मार्गी होकर कुंभ राशि में वापस गोचर करने लगेंगे। जिससे कर्क और वृश्चिक वालों पर फिर से शनि ढैय्या शुरू हो जायेगी। (यह भी पढ़ें- इन 4 राशि के जातकों में जीतने का होता है जबरदस्त जुनून, इनसे मुकाबला करना नहीं होता आसान)
ज्योतिष अनुसार शनि ढैय्या के दौरान किसी भी तरह के जोखिम भरे कार्य नहीं करने चाहिए। इससे नुकसान होने की संभावना रहती है। महिलाओं का अपमान नहीं करना चाहिए। मांस-मदिरा का सेवन नहीं रहना चाहिए। वाहन सावधानी से चलाना चाहिए।