Rules to wear Rudraksha: रुद्राक्ष और शिवलिंग को पृथ्वी पर स्वयंभू भगवान शिव के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है। इस पूरी सृष्टि में इन दोनों से अधिक पवित्र और शुभ कुछ भी नहीं है, लेकिन यदि इनसे जुड़े नियमों का ध्यान न रखा जाए तो ये लाभ के स्थान पर आपको हानि पहुंचाने का कारण भी बन सकते हैं। कई ज्योतिषी व्यक्ति को कुंडली में ग्रहों की स्थिति को भांपते हुए रुद्राक्ष धारण करने की सलाह देते हैं। रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति आध्यात्मिक बनता है और यह आपके मन को भी शांत रखता है। आप जीवन में सही दिशा की ओर बढ़ते हैं और सही निर्णय लेते हैं।
रुद्राक्ष धारण करने के नियम क्या हैं?
रुद्राक्ष के लाभ असंख्य हैं लेकिन साथ ही कुछ नियम हैं कि इसे धारण करने वाले व्यक्ति को हमेशा याद रखना चाहिए क्योंकि इन नियमों की उपेक्षा या उल्लंघन करने वाले व्यक्ति के साथ ही शिव का प्रकोप उससे संबंधित व्यक्ति पर भी पड़ता है। उसके आसपास के लोगों को भी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
इस स्थिति में नहीं धारण करना चाहिए रुद्राक्ष
यदि किसी स्त्री को रुद्राक्ष धारण करने की सलाह दी गई हो तो बच्चे के जन्म के बाद उसे सूतक काल समाप्त होने तक उतार देना चाहिए। मान्यता के अनुसार सूतक काल में स्त्री अपवित्र होती है इसलिए उस समय रुद्राक्ष धारण करना उसे अपवित्र करने के समान है। रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति को उस स्थान में प्रवेश नहीं करना चाहिए जहां नवजात शिशु और मां हो। अगर किसी कारणवश जाना पड़े तो पहले रुद्राक्ष को उतार कर बाहर रख दें।
मांसाहार का सेवन करने वाले व्यक्ति
रुद्राक्ष धारण करने से आपको धूम्रपान और मांसाहारी भोजन से दूर रहना चाहिए, क्योंकि इसके सेवन से रुद्राक्ष अशुद्ध हो जाता है, जिसके कारण आपको भविष्य में और अधिक कष्ट उठाना पड़ सकता है। इसलिए मांसाहार का सेवन करने वाले व्यक्तियों को रुद्राक्ष धारण नहीं करना चाहिए।
सोते समय नहीं धारण करना चाहिए रुद्राक्ष
सोते समय रुद्राक्ष को नहीं धारण करना चाहिए अपितु रुद्राक्ष को उतारकर सोते समय अपने तकिए के नीचे रखें, जिन लोगों को बुरे सपने आते हैं या मन अशांत रहता है, उन्हें राहत मिलेगी। जिन लोगों को सोने में परेशानी होती है उनके लिए भी यह फायदेमंद है।
इस जगह जाने से पहले उतार दें रुद्राक्ष
अगर आप किसी के अंतिम संस्कार में शामिल होने जा रहे हैं तो आपको रुद्राक्ष को पहले ही उतार देना चाहिए, इसे पहनने से यह अशुद्ध हो जाता है और आपके जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने लगता है।
इन स्थिति में भी नहीं पहनना चाहिए रुद्राक्ष
व्यक्ति को कभी भी किसी अन्य व्यक्ति द्वारा पहना हुआ रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए और न ही अपना रुद्राक्ष किसी अन्य व्यक्ति को पहनने के लिए देना चाहिए। रुद्राक्ष को कभी भी गंदे और गंदे हाथों से नहीं छूना चाहिए। इसके साथ ही शौच आदि क्रिया के दौरान रुद्राक्ष को पहले ही शरीर से पृथक कर देना चाहिए, यहां तक कि कोशिश करने की लघुशंका के दौरान भी रुद्राक्ष की माला आपके गले में न हो।
ज्योतिषी से पूछकर ही धारण करें रुद्राक्ष
रुद्राक्ष की माला किसी ज्योतिषी से पूछकर ही धारण करना चाहिए। क्योंकि प्रत्येक राशि और ग्रहों के अनुसार रुद्राक्ष की माला अलग-अलग होती है। उदाहरण के लिए मेष, धनु, मीन, लग्न के जातकों के लिए पंचमुखी रुद्राक्ष बहुत उपयोगी माना जाता है। बता दें कि बगैर सिद्ध किए या असली रुद्राक्ष की जांच किए माला नहीं पहनना चाहिए।