Shani Sade Sati On Makar: शनि ग्रह की साढ़े सात साल तक चलने वाली दशा को शनि साढ़े साती कहते हैं। ज्योतिष शास्त्र अनुसार शनि ग्रह सौरमंडल में मौजूद सभी ग्रहों में सबसे धीमी गति से चलने वाले ग्रह माने जाते हैं। इन्हें एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करने में लगभग ढाई साल का समय लगता है। शनि साढ़े साती की गणना चंद्र राशि पर आधारित होती है। जिन जातकों की कुंडली में शनि शुभ स्थिति में होते हैं उनके लिए शनि साढ़े साती फलदायक साबित होती है। जानिए किस राशि पर चल रहा है शनि साढ़े साती का दूसरा चरण और कब मिलेगी इन्हें इससे मुक्ति?

शनि साढ़े साती क्या है: शनि देव को कर्मदेव भी कहते हैं जो आपको कर्मों के अनुसार फल देते हैं। शनि ग्रह किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली के बारहवें, पहले और दूसरे और जन्म के चंद्र के ऊपर से होकर गुजरे तो उसे शनि साढ़े साती कहते हैं। इसके तीन चरण होते हैं। तीनों चरणों में दूसरा चरण सबसे अधिक कष्टकारी माना जाता है। पहले चरण में व्यक्ति को आर्थि परेशानियों का सामना करना पड़ता है, दूसरे चरण में आर्थिक के साथ पारिवारिक जीवन में भी उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता है। वहीं तीसरे चरण में कष्ट कुछ कम होने लगते हैं। इस चरण में शनि व्यक्ति को अपनी भूल सुधारने का मौका देते हैं।

शनि साढ़े साती के दूसरे चरण से रहें सतर्क: वर्तमान में शनि मकर राशि में गोचर कर रहे हैं साथ ही इसी राशि में वक्री भी हैं। मकर वालों पर शनि साढ़े साती का दूसरा चरण चल रहा है। शनि के राशि बदलने तक का समय आपके लिए बेहद ही कष्टकारी साबित हो सकता है। 29 अप्रैल 2022 में शनि जब कुंभ राशि में प्रवेश कर जायेंगे तो आपको कुछ राहत मिल सकती है। शनि के इस चरण में मकर वालों को मानसिक तनाव काफी रहेंगे। शारीरिक रोगों का सामना भी करना पड़ सकता है। धन हानि होने के आसार रहेंगे। मित्रों और परिवार वालों का साथ कम मिलेगा। किसी भी काम में सफलता पाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। (यह भी पढ़ें- इस राशि की लड़कियों का स्वभाव होता है राजसी और रौबदार, पति पर रहती हैं हावी)

शनि की दशा से कब मिलेगी मुक्ति? शनि 29 अप्रैल 2022 में जब कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे तब मकर वालों पर शनि साढ़े साती का अंतिम चरण शुरू हो जाएगा। जो इसके दूसरे चरण से कम कष्टकारी रहेगा। वहीं मकर वालों को शनि साढ़े साती से मुक्ति 29 मार्च 2025 में मिलेगी। इस दिन शनि मीन राशि में प्रवेश कर जायेंगे।