Chandra Grahan 2018: इस साल 31 जनवरी साल का पहला चंद्र ग्रहण हुआ। चंद्र ग्रहण के दिन देवी-देवताओं के दर्शन करना अशुभ माना जाता है। कई जगहों पर इस दिन मंदिर के पट बंद कर दिए जाते हैं। चंद्र ग्रहण के कारण सूतक काल भी शुरू हो जाएगा। इस दौरान कोई भी शुभ कार्य करना अशुभ माना जाता है। 31 जनवरी बुधवार को सूतक काल सुबह 07 बजकर 07 मिनट पर शुरू होकर रात 08 बजकर 41 मिनट पर खत्म हुआ। कहा जाता है इस दौरान भूलकर भी कोई शुभ कार्य नहीं करने चाहिए, वरना इसका नुकसान झेलना पड़ सकता है। मंदिरों में इस दिन कपाट बंद रहते हैं और भगवान को विश्राम गृह में भेज दिया जाता है। बुधवार को पूर्ण चंद्र ग्रहण शाम 06:21 से 07:38 तक दिखाई दिया। कहा जाता है इस दौरान प्रेंग्नेट महिलाओं, बच्चों तथा बुजुर्गों को बाहर नहीं निकलना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार चंद्र ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता है, आइए यहां जानते हैं सूतक काल क्या होता है –
जब भी इंसान की मृत्यु होती है या कोई बच्चा जन्म लेता है तो उस घर में सूतक काल शुरू हो जाता है। इस दौरान कुछ कार्य करने की मनाही होती है। इसके साथ ही कोई भी जरूरी कार्य सूतक काल में करना अशुभ माना जाता है। बच्चे, बुजुर्गों और रोगियों के लिए सूतक काल नहीं माना जाता है। सूतक काल के दौरान भगवान की मूर्ति को स्पर्श नहीं करना चाहिए। साथ ही भोजन तथा नदी में स्नान करने से बचना चाहिए। चंद्र ग्रहण के दिन सूतक काल खत्म हो जाने के बाद पहने हुए कपड़ों सहित स्नान कर भोजन करना चाहिए।
सूतक काल में ना करें ये काम – सूतक काल के समय खाना-पीना, सोना, नाखून काटना और भोजन पकाना आदि कार्य करना अशुभ माना जाता है। इस दौरान झूठ बोलने, छल-कपट और मूत्र विसर्जन नहीं करना चाहिए। सूतक काल में बच्चे, बूढ़े तथा प्रेग्नेंट महिला भोजन कर सकती है। सूतक काल के समय अचार, मुरब्बा, दूध, दही और अन्य खाद पदार्थों में तुलसी पत्र डाल देने से वह खराब नहीं होते हैं।
चंद्र ग्रहण 2018 समय: जानें भारत में किस समय रहेगा ग्रहण का प्रभाव
