साल 2019 का अंतिम और वलयाकार सूर्य ग्रहण 26 दिसंबर को लगने वाला है। भारत में सूर्य ग्रहण की अवधि 2 घंटे 40 मिनट और 22 सेकेंड की है। वैसे तो ग्रहण का आरंभ 26 दिसंबर को सुबह आठ बजकर 17 मिनट पर होगा, लेकिन इसके लिए सूतक ग्रहण 12 घंटे पहले यानि 25 दिसंबर की शाम 5 बजकर 32 मिनट से आरंभ हो जाएगा। सूर्य ग्रहण का ज्योतिष शास्त्र में भी खास महत्व दर्शाया गया है। ज्योतिष के जानकार बताते हैं कि अगर कुंडली में ग्रहण दोष या पितृ दोष है तो इसका निवारण ग्रहण काल में किया जा सकता है। ऐसे में आगे जानते हैं राशि के अनुसार कैसे करें पूजा।
मेष: सूर्य ग्रहण की अवधि में ‘ॐ अचिंत्याय नमः’ का जाप करना शुभ रहेगा। इस मंत्र को धन से जुड़ी समस्या से निजात पाने के लिए प्रयोग में लाया जाता है। मंत्र जाप की संख्या 108 उचित माना गया है।
वृषभ: इस राशि के जातकों को सूर्य ग्रहण के दौरान ‘ॐ अरुणाय नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए।
मिथुन: इस राशि से संबंधित लोगों को सूर्य ग्रहण की अवधि में ॐ आदि भूताय नमः इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
कर्क: ॐ वासुदेवाय नमः इस मंत्र का 108 बार जाप ग्रहण काल की अवधि में करना अच्छा माना गया है।
सिंह: इस राशि से संबंधित जातकों को सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य-मंत्र ॐ भानवे नमः का जाप करना चाहिए।
कन्या: इस राशि के जातकों को सूर्य ग्रहण के दौरान ॐ शांताय नमः इस मंत्र का 108 बार जाप करना शुभ माना गया है।
तुला: सूर्य ग्रहण के दौरान इस राशि के जातकों को सूर्य ग्रहण के दौरान ॐ इंद्राय नमः का 108 बार जाप करना चाहिए।
वृश्चिक: इस राशि के जातकों को सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य मंत्र ॐ आदित्य नमः इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
धनु: सूर्य ग्रहण की अवधि में इस राशि के संबंधित लोगों को ॐ शर्वाय नमः मंत्र का 108 बार जाप करना शुभ है।
मकर: इस राशि वालों को सूर्य ग्रहण के दौरान ॐ सहस्र किरणाय नमः इस मंत्र का जाप करना शुभ रहेगा।
कुंभ: सूर्य ग्रहण के दौरान इस राशि के जातकों को ॐ ब्रह्मणे दिवाकराय नमः इस मंत्र का जाप करना शुभ है।
मीन: इस राशि से संबंधित लोगों कोसूर्य ग्रहण के दौरान ॐ जयिने नमः इस मंत्र का जाप करना शुभ रहेगा।