सूर्य ग्रहण विज्ञान की दृष्टि से एक खगोलीय घटना है। जो अमावस्या के दिन ही घटित होती है। धार्मिक दृष्टि से सूर्य ग्रहण को अशुभ माना गया है। इसी तरह ग्रहण से पहले लगने वाला सूतक काल भी सही नहीं माना जाता। जिस दौरान शुभ कार्यों को करने की मनाही हो जाती है। यहां तक की कई मंदिरों के कपाट भी सूतक के समय बंद कर दिये जाते हैं। सूर्य ग्रहण का सूतक काल ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है। यहां आप जानेंगे सूतक काल के समय किन बातों का रखना होता है खास ध्यान…

सूर्य ग्रहण सूतक काल के दौरान क्या करें (What should you do during a surya grahan sutak):

– सूर्य ग्रहण के सूतक काल में पूजा पाठ मना होता है लेकिन आप अपने ईष्ट देव के मंत्रों का जाप कर सकते हैं। अगर आप अपने ईष्ट देवता के बारे में नहीं जानते तो किसी भी भगवान के मंत्रों का जाप कर सकते हैं।
– किसी भी ग्रहण का सूतक शुरू होने से पहले खाने पीने की सभी वस्तुओं में तुलसी के पत्ते डालकर रख देने चाहिए। इससे खाना दूषित नहीं होता।
– सूतक काल के समय छोटे बच्चों को अकेला कभी भी न छोड़ें।
– गर्भवती महिलाएं सूतक काल के समय घर से न निकलें। इस बात का ध्यान रखें की ग्रहण की छाया आपके गर्भ में पल रहे बच्चे पर नहीं पड़नी चाहिए।
– घर के मंदिर के दरवाजे सूर्य ग्रहण लगते ही बंद कर दिये जाते हैं। अगर मंदिर खुले में है तो भगवान की मूर्तियों पर परदा डाल दें।
– सूतक काल समाप्त होने के बाद पीने के पानी को बदल दें।
– सूर्य ग्रहण का सूतक खत्म होने के बाद स्नान कर लें।
– सूतक काल की समाप्ति के बाद दान जरूर करना चाहिए। इससे ग्रहण का बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा।

सूतक काल में क्या न करें (What should you not do during a Surya Grahan Sutak):

– ग्रहण का सूतक काल लगते ही बुरी शक्तियां प्रबल हो जाती हैं इसलिए सूतक काल के समय किसी भी सुनसान जगह या शमशान आदि के पास से न गुजरें।
– गर्भवती महिलाएं ग्रहण और सूतक काल के प्रारंभ होते ही कुछ भी चाकू एवं छुरी का इस्तेमाल न करें। साथ ही सलाई कढ़ाई का काम भी नहीं करना चाहिए।
– सूतक काल प्रारंभ होने के बाद कुछ भी नहीं खाना चाहिए।

– सूतक काल के दौरान सोना भी नहीं चाहिए लेकिन बच्चों, वृद्ध और बीमार लोगों पर ये मान्य नहीं है।
– सूतक काल के दौरान तुलसी के पत्तों को न तोड़ें।
– सूतक काल लगते ही भगवान की प्रतिमाओं को भी नहीं छूना चाहिए।
– सूतक काल के दौरान शारीरिक संबंध भी नहीं बनाने चाहिए।
– सूतक काल लगने पर खुली आंखों से सूर्य को न देखें इसका बुरा प्रभाव आप पर पड़ सकता है।
– ग्रहण के समय शुभ काम की शुरुआत न करें।