Solar Eclipse 2022 and Sutak Period: 25 अक्टूबर यानी आश्विन मास में कृष्ण पक्ष की अमावस्या को सूर्य ग्रहण लगेगा। इसी वजह से एक दिन पहले 24 अक्टूबर को दिवाली मनाई जाएगी। ज्योतिषियों के अनुसार सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर को सुबह 11:28 बजे से शुरू होकर शाम 06:33 बजे तक रहेगा, लेकिन देश में यह शाम 04:42 बजे से शाम 05:22 बजे तक रहेगा। इसका सूतक काल 12 घंटे पहले शुरू होगा। ऐसे में 24 अक्टूबर की रात से 25 अक्टूबर की सुबह 04:42 बजे तक ही अमावस्या पूजा की जा सकती है।

भगवान धन्वंतरि पूजा

अश्विन कृष्ण त्रयोदशी तिथि 23 अक्टूबर को शाम 6:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक रहेगी। इसके चलते 22 अक्टूबर की शाम से अगले दिन 23 अक्टूबर की शाम तक धनतेरस मनाया जा सकता है। धनतेरस तिथि में परिवर्तन के कारण धनत्रयोदशी व्रत या प्रदोष व्रत 23 अक्टूबर को उपवास करने के लिए कहा जा रहा है। क्योंकि 23 तारीख की शाम को त्रयोदशी तिथि रहेगी। शास्त्रों के अनुसार इस दिन व्रत करना शुभ होता है।

दिवाली पूजा शाम 06:57 बजे से शाम 08:53 बजे तक

ज्योतिषियों ने बताया है कि अमावस्या तिथि 24 अक्टूबर को शाम 05:03 बजे से 25 अक्टूबर को शाम 04:34 बजे तक रहेगी। 25 अक्टूबर को अमावस्या को सूर्योदय होगा, लेकिन रात्रि में अमावस्या नहीं होगी। इसी वजह से 24 अक्टूबर को अमावस्या की रात दिवाली मनाई जाएगी। इस दिन शाम 06:57 से 08:53 बजे तक लक्ष्मी-कुबेर पूजा की जा सकती है। अमावस्या की रात मां काली की भी पूजा की जाएगी।

गर्भवती महिलाओं के पास रखें कुश और गंगाजल

धार्मिक शास्त्रों के अनुसार सूतक और ग्रहण के दौरान बच्चों, बुजुर्गों और बीमारों को छोड़कर दूसरों को भोजन नहीं करना चाहिए। इस दौरान मंदिरों के कपाट भी बंद रहेंगे, लेकिन भक्त ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ का 108 बार जाप कर सकते हैं। ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को अपने साथ कुश और गंगाजल रखना चाहिए। पके हुए खाने में क्लीन कुश डालें। इसके अलावा ग्रहण काल ​​में लाल वस्त्र, तांबे के बर्तन, गुड़, दाल, गेहूं, लाल फल का दान करना चाहिए।

8 नवंबर को लग रहा है चंद्र ग्रहण

ज्योतिषियों ने बताया कि इस साल कुल चार ग्रहण हैं। दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण। 30 अप्रैल का सूर्य ग्रहण और 16 मई का चंद्र ग्रहण देश में नहीं देखा गया। अब 25 अक्टूबर का सूर्य ग्रहण और 8 नवंबर का चंद्र ग्रहण दिखाई देगा। चंद्र ग्रहण 8 नवंबर को दोपहर 02:39 बजे से शुरू होगा। इसका सूतक काल 04:29 और मोक्ष काल 06:19 पर होगा। यह चंद्र ग्रहण भारत में बहुत ही कम समय के लिए दिखाई देगा। इसका सूतक काल ग्रहण से नौ घंटे पहले सुबह 05:39 बजे शुरू होगा।