Surya Grahan 2021: 10 जून को साल 2021 का दूसरा ग्रहण लगने जा रहा है जो एक सूर्य ग्रहण होगा। इस दिन सूर्य ‘रिंग ऑफ फायर’ की तरह नजर आयेगा। ये नजारा कुछ ही क्षणों के लिए देखने को मिलेगा। ये वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा जिसमें चंद्रमा की छाया सूर्य के 97% भाग को ढक लेगी। इस दौरान सूर्य के चारों ओर एक वलयाकार आकृति नजर आयेगी। इसे ही वलयाकार या रिंग ऑफ फायर सूर्य ग्रहण भी कहते हैं। जानिए 10 जून के ग्रहण से संबंधित पूरी डिटेल यहां…
सूर्य ग्रहण कहां देगा दिखाई? वलयाकार सूर्य ग्रहण का खूबसूरत नजारा कनाडा, ग्रीनलैंड तथा रूस में दिखाई देगा। तो वहीं उत्तर अमेरिका के अधिकांश हिस्सों, यूरोप तथा उत्तर एशिया में आंशिक सूर्य ग्रहण दिखेगा। टोरंटो, न्यूयॉर्क, ग्रीनलैंड में नूक, वाशिंगटन डी सी, लंडन, याकुतस्क, फरो द्वीप समूह में तोर्शावन आदि कुछ प्रसिद्ध शहर हैं जहाँ पर आंशिक सूर्य ग्रहण दिखाई देगा। भारत में ये ग्रहण नहीं दिखाई देगा।
10 जून के सूर्य ग्रहण की खास बातें:
– पंचांग अनुसार सूर्य ग्रहण ज्येष्ठ महीने की अमावस्या तिथि को गुरुवार के दिन लगेगा।
– इस दिन सूर्य वृषभ राशि में होगा और नक्षत्र मृगशिरा होगा।
– सूर्य ग्रहण के दिन वट सावित्री व्रत और शनि जयन्ती है।
– ग्रहण 10 जून को 01:42 बजे से शुरू होकर शाम 06:41 बजे तक रहेगा।
– चूंकि भारत में ये सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं दे रहा है इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। अंकज्योतिष में ये नंबर माना जाता है बेहद पावरफुल, इस तारीख में जन्मे लोग होते हैं काफी प्रतिभाशाली
– इस ग्रहण में सूर्य के किनारे चारों तरफ रोशनी रिंग की तरह निकलती प्रतीत होगी। जिसे हम वलयाकार सूर्य ग्रहण कहते है।
– अगला सूर्य ग्रहण 4 दिसंबर को लगेगा जो अंटार्कटिका, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अमेरिका, अटलांटिक के दक्षिणी भागों में देखा जा सकेगा।
सूर्य ग्रहण के समय किन बातों का रखें ध्यान:
– सूर्य ग्रहण को देखना अशुभ माना जाता है और ये आंखों के लिए भी हानिकारक साबित होता है।
– ऐसा कहा जाता है कि गर्भवती महिलाओं को तो बिल्कुल भी ग्रहण नहीं देखना चाहिए क्योंकि इसका बुरा प्रभाव गर्भ में पल रहे बच्चे पर पड़ सकता है।
– सूर्य ग्रहण के दौरान भगवान की आराधना, मंत्रों का जाप, ध्यान आदि करने से ग्रहण के अशुभ प्रभावों को दूर किया जा सकता है। लेकिन भगवान की मूर्तियों को छूना और पूजा करना वर्जित होता है।
– सूर्य ग्रहण के दौरान इस मंत्र का जाप करना चाहिए: “ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्नो : सूर्य: प्रचोदयात।”
– सूर्य ग्रहण लगने से पहले खाने-पीने की वस्तुओं, पके हुए भोजन, पानी आदि में कुश या तुलसी के कुछ पत्ते डाल देने चाहिए।
मंगल का अपनी नीच राशि में प्रवेश; जानिए किन लोगों को मिलेगी सफलता किन्हें होगा कष्ट