Vrishchik Rashi Me Shukra ka Gochar: प्रेम और भौतिक सुख का ग्रह शुक्र जल्द ही वृश्चिक राशि में प्रवेश करने जा रहा है। प्रेम, सद्भाव, रोमांस, विलासिता आदि का कारक शुक्र ग्रह को माना जाता है। शुक्र वृश्चिक राशि के आठवें भाव में गोचर करने जा रहा है; जो वासना, गहरी इच्छा और छिपे हुए रहस्य, अचानक अनिश्चितताओं आदि का प्रतिनिधित्व करता है। तो आइए जानते हैं शुक्र का वृश्चिक राशि में गोचर हमारे लिए क्या बदलाव लेकर आएगा-

शुक्र गोचर का समय

शुक्र ग्रह को अपना एक गोचर पूरा करने में 23 दिन लगते हैं, अर्थात शुक्र को एक राशि से दूसरी राशि में जाने में 23 दिन लगते हैं। अब 11 नवंबर 2022 को 19:52 बजे शुक्र अपनी ही राशि तुला से वृश्चिक राशि में गोचर कर रहा है। शुक्र के लिए यह स्थिति बहुत आरामदायक नहीं है।

शुक्र गोचर का प्रभाव

वृश्चिक राशि में शुक्र के गोचर का प्रभाव सट्टेबाजी, व्यापार में जोखिम लेने या नये निवेश पर सकारात्मक नहीं पड़ने की संभावना है। क्योंकि ज्योतिष अनुसार शुक्र का स्थान परिवर्तन इन चीजों के लिए उपयुक्त नहीं है। इस दौरान लोगों का झुकाव ज्योतिष या टैरो रीडिंग जैसे गुप्त विज्ञान की तरफ देखने को मिल सकता है। साथ ही यदि कोई भी इस समय कुछ सीखने की योजना बनाता है तो उसके लिए यह समय बेहद उत्तम साबित हो सकता है।

इस दौरान लोगों को सलाह दी जाती है कि अपने साथी की जरूरतों और भावनाओं के प्रति सचेत रहें और किसी को भी हल्के में न लें, न ही किसी की उपेक्षा आदि करें। इस दौरान चुलबुले स्वभाव को काबू में रखें, अन्यथा कुछ आरोप आपकी छवि खराब कर सकते हैं। विवाहित जातकों को सलाह दी जाती है कि सीक्रेट अफेयर्स/एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर्स से बचें; अन्यथा गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।

शुक्र गोचर से प्रभावित होने वाली राशियां

धन, सुख-समृद्धि, प्रेम व सुंदरता का कारक माना जाने वाला शुक्र ग्रह वर्तमान में तुला राशि में विराजमान है। 11 नवंबर को तुला राशि से निकलकर वृश्चिक राशि में प्रवेश करने वाले हैं, जिससे सिंह, तुला, धनु, मकर और कुंभ राशि के जातकों पर विशेष प्रभाव देखने को मिल सकता है। इस दौरान जातकों के लिए यह गोचर बेहद शुभफलदायी माना जा रहा है।