‘ओम जय शिव ओंकारा’ भगवान शिव की पूजा बिना इस आरती के मानी जाती है अधूरी

 धार्मिक मान्यताओं अनुसार सावन के महीने में महादेव की पूजा अर्चना करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। इस महीने लोग भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना करते हैं। कोई रुद्राभिषेक करके शिव को प्रसन्न करता है तो कोई सावन सोमवार व्रत करके शिव का आशीर्वाद पाना चाहता है। लेकिन एक चीज ऐसी है जिसके बिना शिव की पूजा अधूरी मानी जाती है वो है महादेव की आरती। कहते हैं कि शिव आरती से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि आती है। शिव आरती…

Shiv Ji Ki Aarti: यहां पढ़े पार्वती शिव जी की आरती लिरिक्स इन हिंदी

ओम जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा॥
ओम जय शिव ओंकारा॥

एकानन चतुरानन पञ्चानन राजे।
हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे॥
ओम जय शिव ओंकारा॥

दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे।
त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे॥
ओम जय शिव ओंकारा॥

अक्षमाला वनमाला मुण्डमालाधारी।
त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी॥
ओम जय शिव ओंकारा॥

श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे।
सनकादिक गरुड़ादिक भूतादिक संगे॥
ओम जय शिव ओंकारा॥

कर के मध्य कमण्डलु चक्र त्रिशूलधारी।
मधु-कैटभ दो‌उ मारे, सुर भयहीन करे॥
ओम जय शिव ओंकारा॥

पर्वत सोहैं पार्वती, शंकर कैलासा।
धतूर का भोजन, भस्मी में वासा॥
ओम जय शिव ओंकारा॥

जटा में गंग बहत है, गल मुण्डन माला।
शेष नाग लिपटावत, ओढ़त मृगछाला॥
ओम जय शिव ओंकारा॥

काशी में विराजे विश्वनाथ, नन्दी ब्रह्मचारी।
नित उठ दर्शन पावत, महिमा अति भारी॥
ओम जय शिव ओंकारा॥

त्रिगुणस्वामी जी की आरति जो कोइ नर गावे।
कहत शिवानन्द स्वामी, मनवान्छित
ओम जय शिव ओंकारा॥ ओम जय शिव ओंकारा॥

यह भी पढ़ें- Sawan Somvar Vrat Katha And Puja Vidhi: सावन सोमवार व्रत की पूजा विधि, कथा, आरती और महत्व जानिए यहां

शिव के प्रभावशाली मंत्र:

-पंचाक्षरी मंत्र
ॐ नम: शिवाय।
ये भगवान शिव का पंचाक्षरी मंत्र कहलाता है। कहते हैं कि इस मंत्र का श्रद्धापूर्वक जाप करने से जीवन के सभी संकटों से मुक्ति मिल जाती है।

-महामृत्युंजय मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
भगवान शिव का महामृत्युंजय मंत्र अकाल मृत्यु की बाधा से मुक्ति दिलाता है। कहते हैं कि जिस व्यक्ति की कुण्डली में अकाल मृत्य योग बना हो, उसे महामृत्युंजय जाप कराना चाहिए।

-शिव गायत्री मंत्र
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे, महादेवाय धीमहि, तन्नो रूद्र प्रचोदयात्।
इस मंत्र का जाप करने से सुख, समृद्धि तथा एश्वर्य की प्राप्ति होने की मान्यता है।