Shardiya Navratri 2019: श्राद्ध पक्ष (Pitru Paksha 2019) के खत्म होते ही नवरात्रि का पावन पर्व शुरू हो जायेगा। 29 सितंबर, दिन रविवार से शारदीय नवरात्र शुरू हो रहे हैं। साल में आने वाली 4 नवरात्रियों में इस नवरात्रि को सबसे खास माना जाता है। मान्यताओं अनुसार इस दिन माता कैलाश पर्वत से धरती पर अपने मायके आती हैं। इस बार नवरात्रि में माता का आगमन हाथी पर होना जहां शुभ नहीं माना जा रहा है तो वहीं इस साल नवरात्रि पर कई ऐसे दुर्लभ संयोग बन रहे हैं जो अपने आप में काफी शुभ है।
इस बार तिथि का क्षय नहीं: खास बात यह है कि इस बार पूरे नौ दिन नवरात्रि रहेंगी। साथ ही इस नवरात्रि दो दिन सोमवार पड़ रहा है जिसे काफी शुभ माना जा रहा है। मान्यता है कि सोमवार के दिन मां दुर्गा की उपासना करने से कई गुना अधिक फल प्राप्त होता है। इसके साथ ही इस नवरात्र के 6 दिन विशेष योग भी बनने वाले हैं। जो सभी भक्तों के लिए बेहद शुभ और फलदायी रहने वाले हैं।
नवरात्रि के शुरू के 6 दिन विशेष योग रहेंगे। जिसमें से 2 दिन अमृतसिद्धि, 2 दिन सर्वार्थ सिद्धि और 2 रवि योग बन रहा है। 30 सितंबर को अमृत सिद्धि योग, 1 अक्टूबर को रवि योग, 2 अक्टूबर को अमृत और सिद्धि योग, 3 को सर्वार्थ सिद्धि, 4 को रवि योग, 5 तारीख को रवि योग, 6 को सर्वसिद्धि योग रहेगा। 7 अक्टूबर को दोपहर 12:38 मिनट तक नवमी मनाई जायेगी। इसके बाद से दशहरा दशमी तिथि शुरू हो जायेगी। जो 8 अक्टूबर दोपहर 2:51 बजे तक रहेगी। इस दिन भी रवि योग बन रहा है।
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त: कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 29 सितंबर, रविवार सुबह 6 बजकर 16 मिनट से लेकर 7 बजकर 40 मिनट तक रहने वाला है। इसके अलावा जो भक्त सुबह कलश स्थापना न कर पा रहे हों उनके लिए दिन में 11 बजकर 48 मिनट से लेकर 12 बजकर 35 मिनट तक का समय कलश स्थापना के लिए शुभ रहने वाला है। हालांकि कलश स्थापना का सुबह का मुहूर्त सबसे अच्छा माना जाता है।