Sawan Shaniwar Upay: सावन के महीने में पड़ने वाले सोमवार का ही नहीं बल्कि शनिवार का भी विशेष महत्व माना जाता है। मान्यता है कि जिन लोगों की कुंडली में शनि ग्रह कमजोर है, जो लोग शनि साढ़े साती या शनि ढैय्या से पीड़ित हैं उन्हें सावन के शनिवार के दिन विशेष उपाय करने से शनि पीड़ा से मुक्ति मिल जाती है। जानिए ज्योतिष में शनि को मजबूत करने के लिए सावन महीने में क्या उपाय बताए जाते हैं।

सावन में शनिवार के दिन पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाना चाहिए। फिर उसके बाद पीपल के पेड़ की सात बार परिक्रमा करनी चाहिए और उसके समक्ष सरसों के तेल का दीपर जलाना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से शनि पीड़ा से मुक्ति मिल जाती है। सावन के शनिवार के दिन जल में काले तिल मिलाकर शिवलिंग का जलाभिषेक करना चाहिए। मान्यता है ऐसा करने से शनि देव प्रसन्न हो जाते हैं।

सावन में शनिवार के दिन शनि देव की मूर्ति के समक्ष सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए। इसके बाद मूर्ति पर सरसों का तेल चढ़ाकर शनि चालीसा का पाठ करना चाहिए। मान्यता है ऐसा करने से शनि साढ़े साती और शनि ढैय्या से राहत मिलती है। सावन में शनिवार के दिन शनि से संबंधित चीजें जैसे काला या नीला कपड़ा, काली दाल, काले जूते, सरसों का तेल इत्यादि चीजों का दान करना चाहिए। मान्यता है ऐसा करने से शनि के प्रकोप से बचा जा सकता है।

सावन के शनिवार के दिन शनि देव के मंत्र ‘ॐ शं शनैश्चराय नमः’ रूद्राक्ष की माला से जप करना चाहिए। उन्हें नीले रंग के फूल अर्पित करने चाहिए। मान्यता है ऐसा करने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है। (यह भी पढ़ें- चाणक्य नीति: ऐसे लोगों का जीवन रहता है खुशहाल, नहीं होती कभी धन की कमी)

सावन का शनिवार इसलिए खास माना जाता है क्योंकि मान्यतानुसार भोलेनाथ ने ही शनिदेव का सृजन किया था और उन्हें कर्मफलदाता बनाकर उनका मार्गदर्शन किया था। इसलिए शिव के भक्तों को शनि देव परेशान नहीं करते हैं। कहते हैं जो भी व्यक्ति सावन के हर शनिवार को शनिदेव के साथ भगवान शिव की आराधना करता है उसके शनि संबंधित दोष दूर हो जाते हैं। (यह भी पढ़ें- 5 साल तक इन दो राशियों पर न रहेगी शनि ढैय्या और न साढ़े साती, देखिए ये कौन सी लकी राशियां हैं)