शनि मकर राशि में विराजमान हैं और 23 मई से इसी राशि में वक्री अवस्था में चल रहे हैं। ज्योतिष अनुसार शनि की वक्री चाल का सबसे अधिक प्रभाव शनि साढ़े साती (Shani Sade Sati) और शनि ढैय्या (Shani Dhaiya) से पीड़ित जातकों पर पड़ता है। अगर शनि कुंडली में अशुभ स्थिति में विराजमान हैं तो व्यक्ति को तमाम दुखों का सामना करना पड़ता है वहीं अगर शुभ हैं तो जीवन में सुखों की भी कोई कमी नहीं रहती है। शनि 11 अक्टूबर तक वक्री स्थिति में रहेंगे जानिए किन 5 राशि वालों को सतर्कता बरतनी होगी।
इन पर है शनि ढैय्या, वक्री शनि से रहें सतर्क
-मिथुन राशि के जातक क्रोध से बचें नहीं तो हानि उठानी पड़ सकती है। परिवार वालों से मतभेद होने के आसार रहेंगे। खासतौर से पिता के साथ संबंंध कुछ बिगड़ सकते हैं। वाणी पर बहुत ही संयम बरतना होगा।
-तुला वालों को आर्थिक मामलों को लेकर कड़ी मेहनत करने की जरूरत पड़ेगी। फिजूल के खर्चों से बचें नहीं तो आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है। मानसिक तनाव ज्यादा रहेंगे। यह भी पढ़ें- किन 5 चीजों से हम बनते हैं अमीर? जानिए क्या कहती हैं जया किशोरी
इन पर है शनि साढ़े साती, रहें सतर्क:
-धनु वालों पर शनि साढ़े साती का आखिरी चरण चल रहा है। शनि के वक्री होने से आपको आर्थिक जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा होगा। इस दौरान मानसिक तनाव से लेकर लव लाइफ भी प्रभावित होने के आसार हैं।
-मकर वालों की बात करें तो आप पर शनि साढ़े साती का दूसरा चरण चल रहा है। आपको 11 अक्टूबर तक बेहद ही सतर्क रहना होगा क्योंकि शनि आपकी ही राशि में वक्री चल रहे हैं। धैर्य से काम लेने पर ही बात बनेगी। छोटे मोटे रोग को नजरअंदाज न करें।
-कुंभ जातकों पर शनि साढ़े साती का पहला चरण चल रहा है। शनि की वक्री चाल का आपके ऊपर भी प्रभाव पड़ रहा है। अक्टूबर तक आपको मेहनत का फल कुछ कम मिल सकता है। इस दौरान परिश्रम करते रहें और धैर्य बनाए रखें। यह भी पढ़ें- बार-बार प्यार में पड़ते हैं इन 4 राशि वाले, कई Love Relation बनने के रहते हैं आसार
वक्री शनि के दौरान इन बातों का रखें ध्यान:
-शनि की महादशा से पीड़ित जातक नशे से बिल्कुल दूर रहें।
-दूसरों को परेशान न करें।
-किसी का अपमान न करें।
-बुजुर्गों की सेवा और सम्मान करें।
-जरूरतमंदों की सहायता करें।
-नॉनवेज न खाएं। यह भी पढ़ें- वास्तु अनुसार किन चीजों को घर में रखने से आती है बरकत और खुशहाली, जानिए
शनि के उपाय:
-शनि देव की पूजा करें।
-शनिवार के दिन शनि मंदिर जरूर जाएं।
-शनि मंदिर में शनि देव पर सरसों का तेल चढ़ाएं।
-पीपल के पेड़ पर शाम के समय दीपक जलाएं।
-घड़े और दवा का दान करें।
-घायलों और रोगियों की सेवा करें।
-शनि के मंत्रों का जाप करें।