शनि जब वक्री होते हैं तो वे खासकर उन लोगों को परेशान करते हैं जिन पर शनि की साढ़े साती (Shani Sade Sati) या फिर ढैय्या (Shani Dhaiya) चल रही होती है। शनि 11 मई से मकर राशि में वक्री चाल चलने लगेंगे और इसी अवस्था में ये 29 सितंबर तक रहेंगे। लेकिन ये भी जरूरी नहीं कि शनि की ये चाल आपको परेशान ही करें अगर आपकी कुंडली में शनि मजबूत स्थिति में हैं तो शनि की वक्री चाल आपको कष्ट नहीं देगी। लेकिन अगर आपका शनि कमजोर है तो शनि की उल्टी चाल चलने से पहले ये कुछ उपाय कर लें…

शनि की वक्री चाल के उपाय (Shani Upay):

– शाम के समय शनि देव के मंत्रों का जाप करने से शनि के अशुभ प्रभावों से बचा जा सकता है। पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाने से भी शनिदेव शांत होते हैं।

– इस मंत्र का करें जाप: ऊं प्रां प्रीं प्रौं स: शनये नम:। शनि स्रोत का पाठ करना शुभप्रद माना गया है।

– 108 बार शनि के बीज मंत्र ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः का जाप करें। संभव हो तो शनिवार के दिन काले रंग के कपड़े पहनें।

– हनुमान चालीसा का पाठ करने से भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं। शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें।

– शनिवार के दिन घोड़ की नाल पहनने से शनि के प्रकोप से छुटकारा मिलता है।

– इन 10 नामों से शनिदेव का पूजन करें: कोणस्थ, पिंगल, बभ्रु, कृष्ण, रौद्रान्तक, यम, सौरि, शनैश्चर, मंद व पिप्पलाद।

– काले धागे में बिच्छू घास की जड़ को अभिमंत्रित करवा कर धारण करने से भी शनि मजबूत होते हैं।

– भैरवजी की उपासना करें और शाम के समय काले तिल के तेल का दीपक लगाकर शनि दोष से मुक्ति के लिए प्रार्थना करें।

– यदि आप पर शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या या महादशा चल रही हो तो मांस, मदिरा का सेवन न करें।

– सुबह स्नान आदि करने के बाद सवा किलो काला कोयला, एक लोहे की कील एक काले कपड़े में बांधकर अपने सिर पर से घुमाकर बहते हुए जल में प्रवाहित कर देने से शनि के बुरे प्रभावों से बचा जा सकता है।

– अपने दाहिने हाथ के नाप का उन्नीस हाथ लंबा काला धागा लेकर उसको बटकर माला की भांति गले में पहनने से शनि शांत होते हैं।