सभी ग्रहों में शनि (Shani) की चाल सबसे धीमी होती है। इसे एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करने में लगभग ढाई साल का समय लगता है। लोग आमतौर पर इसकी दशा दुख देने वाली मानते हैं। आपको बता दें कि शनि की दशा का आपके ऊपर कैसा प्रभाव पड़ेगा ये जन्म कुंडली में शनि की स्थिति पर निर्भर करता है। अगर शनि आपकी कुंडली में शुभ स्थान पर बैठे हैं तो आपके लिए शनि साढ़े साती (Shani Sade Sati) और शनि ढैय्या (Shani Dhaiya) का समय विशेष लाभ देने वाला साबित होगा। वहीं अगर शनि की स्थिति अशुभ है तो आपको कष्टों का सामना करना पड़ेगा। यहां आप जानेंगे कुंभ राशि वालों को शनि साढ़े साती से कब मिलेगी मुक्ति?
बता दें शनि साढ़े साती इस समय कुंभ, मकर और धनु वालों पर चल रही है। शनि साढ़े साती किसी भी व्यक्ति पर साढ़े सात साल तक रहती है। जिसमें इसके अलग-अलग चरण होते हैं। हर चरण की अवधि ढाई वर्ष की होती है। शनि साढ़े साती के पहले चरण को उदय चरण कहते हैं। दूसरे चरण को शिखर चरण तो तीसरे चरण को अस्त चरण। तीनों चरणों का व्यक्ति के जीवन पर अलग-अलग तरीके से प्रभाव पड़ता है। इनमें दूसरा चरण अमूमन सबसे ज्यादा कष्टदायी माना जाता है।
कुंभ राशि वालों की बात करें तो आपके ऊपर शनि साढ़े साती का अभी पहला चरण ही चल रहा है। जिसकी शुरुआत 24 जनवरी 2020 से हुई है। अभी आपको शनि साढ़े साती के दूसरे और तीसरे चरण का सामना करना बाकी है। आपको शनि साढ़े साती से मुक्ति 3 जून 2027 में मिलेगी। 29 अप्रैल 2022 से आपके ऊपर शनि साढ़े साती का सबसे कष्टदायी चरण शुरू होने वाला है। इसलिए इस दौरान विशेष सावधानी बरतनी की सलाह दी जाती है। किसी भी तरह के वाद-विवाद और गलत कामों से दूर रहें। (यह भी पढ़ें- ज्योतिष: इन 3 राशि वाले पैसा कमाते तो खूब हैं लेकिन नहीं कर पाते बचत, देखें कहीं आप भी तो इसमें शामिल नहीं)
29 अप्रैल 2022 में शनि कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। शनि की इस चाल से मीन राशि वालों पर शनि साढ़े साती शुरू हो जायेगी। जबकि मकर वालों पर इसका आखिरी चरण और कुंभ वालों पर दूसरा चरण प्रारंभ होगा। कर्क और वृश्चिक राशि वालों पर शनि ढैय्या चलेगी। (यह भी पढ़ें- 2022 Love Rashifal: नया साल 4 राशि वालों की लव लाइफ के लिए हो सकता है शानदार, शादी के बन रहे योग)