Shani Sade Sati: शनि ग्रह की साढ़े सात वर्ष तक चलने वाली दशा को ही शनि साढ़े साती कहते हैं। ज्योतिष अनुसार हर व्यक्ति को लाइफ में कभी न कभी शनि साढ़े साती का सामना करना ही पड़ता है। इसके तीन चरण होते हैं। खगोलशास्त्र और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सौरमंडल में मौजूद सभी ग्रहों में शनि ग्रह सबसे धीमी गति से घूमने वाला ग्रह है। यह एक राशि से दूसरी राशि में जाने में करीब ढाई वर्ष का समय ले लेता है।

शनि साढ़े साती का असर: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि साढ़े साती की गणना चंद्र राशि पर आधारित होती है। ऐसा कहा जाता है मनुष्य जैसा कर्म करेगा उसी का ही फल शनि साढ़े साती के दौरान मिलेगा। इसलिए ये जरूरी नहीं कि शनि हर किसी के लिए खराब हो। जिन जातकों की कुंडली में शनि शुभ स्थिति में होते हैं उन लोगों के लिए साढ़े साती का समय काफी फलदायक भी साबित होता है। ये लोग इस दौरान लाइफ में खूब तरक्की करते हैं।

इस राशि वालों को शनि साढ़े साती से मिलेगी मुक्ति: शनि जब भी अपनी राशि बदलते हैं तो किसी एक राशि के जातक शनि साढ़े साती से मुक्त हो जाते हैं तो किसी पर इसका प्रारंभ हो जाता है। 29 अप्रैल 2022 में शनि कुंभ राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं जिससे धनु वालों को साढ़े साती से मुक्ति मिल जाएगी। वहीं मीन वालों पर इसका प्रारंभ हो जाएगा। हालांकि साल 2022 में ही शनि 12 जुलाई से एक बार फिर से मकर राशि में गोचर करने लगेंगे। जिससे धनु वाले शनि की साढ़े साती की चपेट में एक बार फिर से आ जायेंगे और 17 जनवरी 2023 तक यही स्थिति रहेगी। कुल मिलाकर देखा जाए तो धनु वालों को शनि के महादशा से पूर्ण रूप से छुटकारा साल 2023 में ही मिलेगा। यह भी पढ़ें- इन 4 राशि वाले जीत लेते हैं सबका दिल, समाज में इनकी खूब होती है तारीफ

आपको बता दें कि साल 2022 में शनि दो बार राशि नहीं बदल रहे हैं। शनि का मकर राशि में फिर से गोचर शनि के वक्री होने के कारण होगा। शनि अपनी उल्टी चाल के कारण 12 जुलाई 2022 में एक बार फिर से मकर राशि में प्रवेश कर जायेंगे।