Shani Sade Sati Makar Rashi: शनि साढ़े साती सात साल तक रहती है। जिसमें तीन चरण होते हैं; पहला चरण में शनि मानसिक कष्ट देते हैं, दूसरे में मानसिक के साथ शारीरिक और आर्थिक तौर पर पीड़ा पहुंचती है और तीसरे चरण में शनि इंसान को अपनी गलती सुधारने का मौका देते हैं। शनि साढ़े साती हमेशा बुरी ही हो ऐसा नहीं है। यदि शनि आपकी कुंडली में शुभ स्थिति में विराजमान हैं तो शनि साढ़े साती फलदायी साबित होती है। यहां जानिए मकर वालों को शनि साढ़े साती से कब मिलेगी मुक्ति…

मकर राशि में विराजमान हैं शनि: मकर शनि के स्वामित्व वाली राशि है। शनि 24 जनवरी साल 2020 से इसी राशि में विराजमान हैं। सभी ग्रहों में शनि की गति सबसे ज्यादा धीमी मानी जाती है। ये एक राशि में करीब ढाई साल तक स्थित रहते हैं। शनि का प्रभाव 5 राशियों पर एक साथ पड़ता है। 3 राशियों पर शनि साढ़े साती तो 2 राशि पर शनि ढैय्या चलती है। मकर वालों पर इस समय शनि साढ़े साती का दूसरा चरण चल रहा है।

मकर वालों को शनि साढ़े साती से मुक्ति कब? जब शनि मीन राशि में गोचर करेंगे तब मकर वालों को शनि साढ़े साती से मुक्ति मिल जाएगी। ऐसा 29 मार्च 2025 में होगा। इसी साल मेष वालों पर शनि साढ़े साती का पहला चरण शुरू हो जाएगा। चंद्र ग्रहण का खूबसूरत नजारा कब और कहां देख सकते हैं लाइव, जानिए ग्रहण से संबंधित पूरी डिटेल

शनि का राशि परिवर्तन कब? 29 अप्रैल 2022 में शनि कुंभ राशि में प्रवेश कर जायेंगे। जिससे धनु वालों को शनि साढ़े साती से मुक्ति मिल जाएगी तो वहीं मीन वाले इसकी चपेट में आ जायेंगे। तो वहीं कर्क और वृश्चिक वालों पर शनि की ढैय्या शुरू होगी। मकर और कुंभ वालों पर शनि साढ़े साती बनी रहेगी। इसी साल 12 जुलाई 2023 को शनि एक बार फिर से मकर राशि में गोचर करने लगेंगे ऐसा शनि के वक्री होने के कारण होगा। जिससे धनु वालों पर फिर से शनि साढ़े साती का प्रभाव पड़ने लगेगा और कुछ समय के लिए मीन वालों को इससे राहत मिल जाएगी। लेकिन 17 जनवरी 2023 में शनि पुन: मार्गी हो जाएंगे।