शनि साढ़े साती (Shani Sade Sati) के तीन चरण होते हैं। जिसमें पहला चरण जिसे उदय चरण कहते हैं, दूसरा चरण जिसे शिखर चरण कहते हैं और तीसरे को अंतिम चरण या अस्त चरण कहते हैं। व्यक्ति पर हर चरण का प्रभाव अलग-अलग पड़ता है। लेकिन इनमें से सबसे ज्यादा कष्टदायी दूसरा चरण माना जाता है। क्योंकि इस दौरान शनि साढ़े साती अपने शिखर पर होती है। बता दें इस समय मकर राशि वालों पर यही चरण चल रहा है। जानिए इस दौरान किन चीजों को लेकर रहना होगा सतर्क।
शिखर चरण का प्रभाव: मकर वालों पर 24 जनवरी 2020 से ही शनि साढ़े साती चरम सीमा पर चल रही है और 17 जनवरी 2023 तक इसी स्थिति में रहेगी। इसलिए इस दौरान आपको अपने हर काम में सतर्कता बरतनी होगी। बेहतर होगा इस दौरान किसी भी तरह के वाद-विवाद से बचें क्योंकि कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगने के आसार दिखाई दे रहे हैं। इस दौरान मानसिक तनाव काफी ज्यादा रहेंगे। मेहनत का अच्छा परिणाम प्राप्त नहीं हो पायेगा। चोट लगने के आसार रहेंगे। किसी करीबी से धोखा मिल सकता है।
इन गतिविधियों से बचें: इस दौरान किसी भी तरह के जोखिम भरे कार्यों को करने से बचें। घर हो या ऑफिस किसी से भी तर्क-वितर्क न करें नहीं तो आपके रिलेशन खराब हो सकते हैं। वाहन चलाते समय सावधानी बरतें। बेहतर होगा अकेले यात्रा न करें। शराब न पिएं। गलत संगत और गलत कार्यों से दूरी बनाकर रखें। ध्यान रखें शनि साढ़े साती के इस चरण में अपना नुकसान होने की संभावना अधिक रहती है इसलिए इस दौरान हर काम सावधानी से करना चाहिए। (यह भी पढ़ें- इस राशि में शनि साढ़े साती का होने जा रहा है उदय, जानिए क्या बरतनी होगी सावधानी)
इस चरण में करें ये उपाय: प्रत्येक शनिवार को शनि देव की पूरे मन से अराधना करें। जरूरतमंदों की सहायता करें। किसी भी व्यक्ति का दिल न दुखाएं। कहते हैं भगवान हनुमान और शिव जी की अराधना करने से भी शनि परेशान नहीं करते। इसलिए प्रतिदिन शिव चालीसा और हनुमान चालीसा का पाठ करें। हर शनिवार सरसों या तिल का तेल शनि देव की मूर्ति पर चढ़ाएं। रोजाना शनि स्तोत्र का पाठ करना भी उत्तम माना जाता है। (यह भी पढें- गणेश जी की मूर्ति रखते समय इन बातों का रखें ध्यान, मान्यता अनुसार नहीं होगी कभी धन-धान्य की कमी)