Shani Vakri 2021: शनि 23 मई 2021 को वक्री होने जा रहे हैं। इसे शनि की उल्टी चाल भी कहा जाता है। शनि जिस राशि में गोचर होते हैं जब उसमें पीछे की ओर चलने लगते हैं तब इसे शनि का वक्री होना कहा जाता है। ज्योतिष अनुसार शनि के वक्री अवस्था में चले जाने से परेशानियों में बढ़ोतरी हो जाती है। खासकर शनि साढ़े साती और शनि ढैय्या से पीड़ित जातकों को इस दौरान विशेष रूप से सतर्क रहने के लिए कहा जाता है।

किन पर है शनि साढ़े साती: धनु, मकर और कुंभ जातकों पर शनि की साढ़े साती चल रही है। शनि साढ़े साती के तीन चरण होते हैं। धनु वालों पर इसका अंतिम चरण चल रहा है। शनि साढ़े साती का ये चरण कुछ न कुछ लाभ देते हुए जाता है। वहीं मकर वालों पर इसका दूसरा चरण तो कुंभ वालों पर अभी इसका पहला ही चरण चल रहा है। शनि के वक्री होने से तीनों ही राशियों के जातकों की परेशानियां बढ़ जाएंगी। इस दौरान किसी भी तरह का नया काम शुरू न करें। निवेश से बचें। महीने की इन तारीख में जन्मे लोग होते हैं काफी अट्रैक्टिव और हंसमुख, धन के मामले में ये…

किन पर है शनि ढैय्या: शनि ढैय्या मिथुन और तुला राशि के जातकों पर है। राहत की बात आप लोगों के लिए ये है कि अगले साल 2022 में शनि के राशि बदलते ही आपको शनि ढैय्या से मुक्ति मिल जाएगी। फिलहाल शनि के वक्री होने से आपके कष्टों में बढ़ोतरी होने वाली है। अचानक से काम बिगड़ने लगेंगे। सफलता पाने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ेगा। मानसिक तनाव जरूरत से ज्यादा रहेगा। इन लोगों पर चल रही है शनि साढ़े साती और शनि ढैय्या, उपाय के लिए शनि त्रयोदशी रहेगी खास

शनि के उपाय: शनि के प्रकोप से बचने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ प्रतिदिन करें। शनि के मंत्रों का जाप करें। शनि के मंत्र हैं- ‘ॐ शं शनैश्चरायै नमः’, ‘ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः’, ‘ॐ शं नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये। शं योरभि स्रवंतु नः’। मिट्टी के किसी बर्तन में सरसों का तेल लेकर उसमें अपनी परछाई देखकर उसका दान कर दें। शनि दोष के बुरे प्रभाव से बचने के लिए धतूरे की जड़ को गले या हाथ में धारण करें।