Shani Sade Sati And Shani Dhaiya Zodiac Sign: 10 जून को शनि जयंती मनाई जा रही है। मान्यताओं अनुसार इस दिन शनि देव का जन्म हुआ था। इसलिए शनि पीड़ा से मुक्ति पाने और शनि ग्रह को मजबूत करने के लिए ये दिन खास माना जाता है। शनि जयंती पर आज सूर्य ग्रहण भी लग रहा है। इन दोनों चीजों के एक साथ होने से शनि साढ़े साती और शनि ढैय्या से पीड़ित जातकों के लिए शनि दोष से मुक्ति पाने का खास मौका है। जानिए किन राशियों पर शनि की महादशा चल रही है और राहत के लिए क्या उपाय करें…
शनि साढ़े साती और शनि ढैय्या: मिथुन और तुला वालों पर शनि की ढैय्या चल रही है। तो वहीं धनु वालों पर शनि साढ़े साती का आखिरी चरण, मकर वालों पर इसका दूसरा चरण तो कुंभ वालों पर इसका पहला चरण चल रहा है। धनु वालों को 29 अप्रैल 2022 को शनि के कुंभ राशि में प्रवेश करते ही साढ़े साती से मुक्ति मिल जाएगी। वहीं मीन वाले इसकी चपेट में आ जायेंगे। मिथुन और तुला जातकों को भी 29 अप्रैल 2022 में ही शनि ढैय्या से मुक्ति मिल जाएगी लेकिन कर्क और वृश्चिक जातक इसकी चपेट में आ जायेंगे।
शनि देव की पूजा में इस बात का रखें ध्यान: यदि शनिदेव की पूजा करने जा रहे हैं तो कभी भी शनिदेव की आंखों में देखकर पूजा ना करें। मान्यता है कि शनिदेव के आंखों में देखने से उनकी वक्र दृष्टि का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में जब भी शनि देव की पूजा करें तो अपनी नजर हमेशा उनके पैरों में रखें। एक मान्यता अनुसार शनि देव को श्राप था कि उनकी आंखों में जो देखेगा उसे कष्टों का सामना करना पड़ेगा। यह भी पढ़ें- धन के मामले में भाग्यशाली होते हैं इन 4 राशि के लोग, लेकिन लव लाइफ से रहते हैं परेशान
शनि पीड़ा से मुक्ति पाने के आसान उपाय:
-शनि जयंती के दिन पूजा पाठ में शनि चालीसा का पाठ अवश्य करें। कहा जाता है ऐसा करने से शनि के अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिलती है।
-शनि जयंती पर शनि देव से संबंधित वस्तुओं का दान अवश्य करें। यदि व्रत कर रहे हैं तो विशेष तौर पर दान करें।
-राजा दशरथकृत शनि स्तोत्र का पाठ करें। कहा जाता है इस स्त्रोत का पाठ करने से शनिदेव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। विशेष तौर पर जिन जातकों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही होती है उन्हें इस स्त्रोत का पाठ अवश्य करना चाहिए।
-इस दिन की पूजा में नीचे दिए गए मंत्रों का जप अवश्य करें।
ॐ शं शनैश्चराय नम:”
ॐ निलांजन समाभासम रविपुत्रम यमाग्रजंम। छायामार्तंड संभूतम तमः नमामि शनेश्चरम।।
शनि जयंती शुभ मुहूर्त:
अमावस्या तिथि का आरंभ: 9 जून को दोपहर 01 बजकर 57 मिनट से
अमावस्या तिथि का समापन: 10 जून को शाम 04 बजकर 22 मिनट पर
शनि जयंती के दिन राशि अनुसार उपाय:
मेष राशि: शनि जयंती के दिन सुंदर कांड या फिर हनुमान चालीसा का पाठ करें।
वृषभ राशि: वृषभ राशि के जातक शनि जयंती के दिन दान जरूर करें। इसके अलावा शनिदेव के नाम का जाप करें।
मिथुन राशि: मिथुन राशि के जातक शनि जयंती के दिन काली उड़द का दान करें।
कर्क राशि: राजा दशरथ कृत शनि स्त्रोत का पाठ करना चाहिए।
सिंह राशि: इस दिन स्नान करने के बाद शनि देवता की पूजा के साथ हनुमान जी की पूजा भी जरूर करें। मान्यता है कि हनुमान जी की पूजा से शनि देव प्रसन्न होते हैं।
कन्या राशि: शनि जयंती के दिन व्रत रखें। इसके अलावा शनिदेव के मंत्रों का जाप करें।
तुला राशि: तुला राशि के जातक शनि जयंती के दिन जरूरतमंद और गरीब लोगों की सेवा करें। साथ ही शनि देवता को तेल अर्पित करें।
वृश्चिक राशि: इस पावन दिन पर गाय या फिर काले कुत्ते को रोटी खिलाएं।
धनु राशि: शनि जयंती के दिन पीपल पेड़ के नीचे सरसों तेल का दीपक जलाना चाहिए।
मकर राशि: गरीब और जरूरतमंद लोगों को भोजन कराएं। साथ ही शनि देव के मंत्रों का जाप भी करें।
कुंभ राशि: कुंभ राशि के जातकों को इस दिन भगवान हनुमान की पूजा अवश्य करना चाहिए।
मीन राशि: मीन राशि के जातक शनि जयंती के दिन बजरंग बाण का पाठ करें।

