Shani Jayanti 2020 Upay: शनि की दृष्टि इस पूरे साल मकर, कुंभ, मीन, मिथुन और तुला वालों पर रहने वाली है। दरअसल शनि ने इसी साल 24 जनवरी को मकर राशि में प्रवेश किया था। जिस कारण कुंभ वालों पर शनि साढ़े साती (Shani Sade Sati) का पहला चरण तो धनु वालों पर अंतिम चरण और मकर पर दूसरे चरण की शुरुआत हो गई थी। वहीं तुला और मिथुन राशि के जातक इसकी ढैय्या की चपेट में आ गए थे। कहा जाता है कि शनि साढ़े साती और ढैय्या (Shani Dhaiya) के दौरान कष्टों का सामना करना पड़ता है। जानिये शनि जयंती के मौके पर किन उपायों के जरिए शनिदेव महाराज को प्रसन्न किया जा सकता है।

शनिदेव की करें पूजा: शनिदेव की पूजा के लिए शनिवार का दिन तो खास होता ही है लेकिन शनि जयंती का पर्व उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण माना गया है। कहा जाता है कि इस दिन जो भक्त सच्चे मन से इनकी पूजा अर्चना करते हैं उनके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। पूजा पाठ करने के बाद काला कपड़ा, काली दाल, लोहे की वस्तु इत्यादि चीजों का दान करना चाहिए। इस दिन तिल, उड़द, मूंगफली का तेल, काली मिर्च, आचार, लौंग, काला नमक आदि के प्रयोग से शनि महाराज प्रसन्न होते हैं।

तिल के तेल से करें ये उपाय: इस दिन कटोरी में तिलों का तेल लेकर उसमें अपना चेहरा देख इस कटोरी को शनि मंदिर में रख आयें। मान्यता है कि इससे शनि के अशुभ प्रभाव दूर हो जाते हैं।

Shani Jayanti 2020: शनि के प्रकोप से मुक्ति पाने के लिए शनि जयंती पर ऐसे करें पूजा अर्चना

काले सुरमे के उपाय: शनि को प्रसन्न करने के लिए एक शीशे की बोतल में काला सुरमा लें और उसे 9 बार ऊपर से उतरवा लें। ऐसा कर उसे किसी सुनसान जगह पर गाड़ दें। ये उपाय शनिवार के दिन भी किया जा सकता है।

[bc_video video_id=”5983148197001″ account_id=”5798671092001″ player_id=”JZkm7IO4g3″ embed=”in-page” padding_top=”56%” autoplay=”” min_width=”0px” max_width=”640px” width=”100%” height=”100%”]

शनि जयंती के अन्य उपाय: आर्थिक वृद्धि के लिए गेंहू पिसवाएं और उसमें कुछ काले चने का पीसकर मिला दें। ये उपाय शनि जयंती या फिर शनिवार को भी किया जा सकता है। शनि जयंती को 10 बादाम लेकर हनुमान मंदिर में जाएं। जिसमें से 5 बादाम वहां रख दें और 5 बादाम घर लाकर किसी लाल वस्त्र में बांधकर धन स्थान पर रख दें। बहते पानी में नारियल विसर्जित करें। शनि जयंती को सरसों का तेल हाथ और पैरों के नाखूनों पर लगाएं। शनि जयंती की शाम पीपल के पेड़ के नीचे तिल या सरसों के तेल का दीपक जलाएं। हनुमान चालीसा का पाठ करें।

Shani Jayanti 2020: 59 साल बाद शनि जयंती पर अद्भुत संयोग, 5 राशि वालों को मिलेगा फायदा

ध्यान दें कि शनिदोष से पीड़ित जातक नीलम रत्न या फिर लोहे के छल्ले को धारण न करें। मान्यता है कि इससे शनिदेव के कुप्रभाव और भी अधिक बढ़ जाते हैं।