Shani Dhaiya 2021: शनि ग्रह कुंडली के सभी 12 भावों में अलग-अलग तरह से प्रभाव डालता है। वैसे तो शनि को क्रूर ग्रह माना गया है, लेकिन अगर शनि कुंडली में मजबूत स्थिति में विराजमान है तो इससे जातकों को अच्छे परिणाम देखने को मिलते हैं यदि कमजोर है तो इंसान को सभी प्रकार के कष्टों का सामना भी करना पड़ता है। शनि एक राशि में ढाई वर्ष तक विराजमान रहते हैं। इनके प्रभाव से किसी राशि पर शनि की ढैय्या तो किसी पर शनि की साढ़े साती चलती है। यहां हम बात करेंगे मिथुन और तुला वालों की जिन पर शनि की ढैय्या चल रही है।

शनि की ढैय्या क्या होती है? शनि एक राशि में लगभग ढाई वर्ष तक रहते हैं। जब गोचर में शनि किसी राशि से चौथे या आठवें भाव में होते हैं तो यह स्थिति शनि ढैय्या कहलाती है। शनि ढैय्या से पीड़ित राशि के जातकों को सभी काम सतर्कता के साथ करने चाहिए। शनि ढैय्या के कारण बनते हुए काम बिगड़ जाते हैं। इस दौरान वाद-विवाद से भी बचना चाहिए।

मिथुन और तुला वालों को शनि ढैय्या से कब मिलेगी मुक्ति: इन दोनों ही राशियों पर 24 जनवरी साल 2020 से शनि ढैय्या चल रही है। तुला राशि में शनि उच्च के होते हैं। इसलिए इन राशि वालों पर शनि की विशेष कृपा भी रहती है। शनि ढैय्या से मुक्ति की बात करें तो मिथुन और तुला दोनों ही राशियों को 29 अप्रैल 2022 में शनि ढैय्या से मुक्ति मिल जाएगी। क्योंकि शनि इस दिन कुंभ राशि में प्रवेश कर जायेंगे। शनि के कुंभ में प्रवेश करते ही कर्क और वृश्चिक जातक शनि ढैय्या की चपेट में आ जायेंगे। मिथुन राशि में शुक्र ग्रह का प्रवेश; 5 राशियों की आर्थिक स्थिति में आएगा सुधार

शनि ढैय्या से बचाव के उपाय: शनि ढैय्या के दौरान व्यक्ति के कार्यों में बाधाएं उत्पन्न होने लगती हैं। इसलिए इस दौरान धैर्य बहुत जरूरी है। शनि ढैय्या के समय धोखा मिलने के आसार रहते हैं इसलिए सतर्क रहना जरूरी है। शनि के बुरे प्रभाव से बचने के लिए हर दिन चिड़ियों को पानी और दाना खिलाएं। इसके अलावा चीटियों को मीठा खिलाने से भी लाभ मिलता है। काली उड़द, काले वस्त्र, तिल आदि का दान करना चाहिए। शनि ढैय्या के दौरान मांस-मदिरा का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। हनुमान जी और भगवान शिव की पूजा करने से भी शनि के प्रकोप से राहत मिलती है। सपने में चारों तरफ पानी ही पानी दिखाई देने का क्या होता है अर्थ, जानिए