Shani Dev: वैदिक ज्योतिष अनुसार जब भी कोई ग्रह वक्री या राशि परिवर्तन करता है तो उसका सीधा प्रभाव मानव जीवन पर पड़ता है। आपको बता दें कि कर्मफलदाता शनि देव  इसी साल 29 अप्रैल को कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे और 5 जून को कुंभ राशि में रहते हुए वक्री अवस्था में चले जाएंगे। वहीं शनि 23 अक्टूबर तक वक्री अवस्था में ही रहेंगे।

शनि देव को कलयुग का दंडाधिकारी कहा जाता है। साथ ही ये व्यक्ति को कर्मों के हिसाब से फल देते हैं। इसलिए शनि देव का वक्री होना मतलब उल्टी चाल चलने का प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा लेकिन 3 राशियां ऐसीं हैं जिनकी मुश्किलें बढ़ सकतीं हैं। आइए जानते हैं ये 3 राशियां कौन सीं हैं…

मेष राशि: आपकी राशि से शनि देव 11वें भाव में वक्री होंगे, जिसे इनकम का भाव कहा जाता है। इसलिए इस समय आपको इनकम में उतार- चढ़ाव देखने को मिल सकता है। साथ ही व्यापार में घाटा के भी योग हैं। इसलिए इस समय आप नया निवेश करे से बचें, तो बेहतर होगा। साथ ही इस दौरान आपके दुर्घटना के भी योग बन रहे हैं। इसलिए वाहन सावधानी से चलाएं। मेश राशि के स्वामी मंगल देवता है और ज्योतिष के अनुसार मंगल और शनि देव में शत्रुता का भाव है। इसलिए शनि देव का वक्री होना आपके लिए कष्टकारी साबित हो सकता है। उपाय- शनि और हनुमान चालीसा करना लाभ प्रदान करने वाला साबित हो सकता है।

सिंह राशि: शनि देव आपकी राशि से सप्तम (वैवाहिक जीवन, साझेदारी) भाव में वक्री हो रहे हैं। इसलिए इस दौरान आपके दांपत्य जीवन में कुछ खटास आ सकती है। साथ ही पति- पत्नी में मनमुटाव रह सकता है। साझेदारी के काम में इस समय कम मुनाफा हो सकता है। साथ ही अगर आप व्यापार में नई साझेदारी करना चाह रहे हो तो यह समय अनुकूल नहीं है। जीवनसाथी का स्वास्थ्य भी कुछ खराब हो सकता है। वहीं सिंह राशि के स्वामी सूर्य देव हैं और ज्योतिष के अनुसार सूर्य देव और शनि ग्रह में शत्रुता का भाव है। इसलिए इस समय आपको थोड़ा सावधान रहना चाहिए। उपाय- शनिवार के दिन सूर्योदय से पूर्व या सूर्यास्त के बाद पीपल के पेड़ की पूजा करें। ऐसा करने से आपके ऊपर शनिदेव की कृपा के साथ ही लक्ष्मी जी की कृपा भी बनी रहती है। (यह भी पढ़ें)- Surya Gochar: 15 मार्च से चमक सकती है इन 4 राशि वालों की किस्मत, ग्रहों के राजा सूर्य देव की रहेगी विशेष कृपा

कर्क राशि: आपकी राशि से शनि देव अष्टम भाव में गोचर कर रहे हैं। जिसको आयु का भाव कहा जाता है। इसलिए इस समय आपको कोई रोग हो सकता है या फिर पुराना रोग दोबारा से उभर सकता है। इसलिए डॉक्टर की सलाह लेते रहें। इस दौरान किसी को धन उधार देने से बचें, अन्यथा धन डूब सकता है। व्यापार में नया निवेश करने से अभी बचें और नई व्यवसायिक यात्रा भी नहीं करें, तो बेहतर होगा। उपाय- शनि देव के मंदिर शनि देव की प्रतिमा के सामने सरसो के तेल का दीपक जलाएं और शनि चालीसा का पाठ करें। (यह भी पढ़ें)- Venus Transit: धन के दाता शुक्र मित्र राशि में करेंगे प्रवेश, इन 3 राशि वालों को हो सकता है जबरदस्त धनलाभ