Shani Jayanti 2020: ज्येष्ठ माह की अमावस्या को शनि जयंती के रूप में मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन शनिदेव की पूजा करने से शनि के कोप से बचा जा सकता है। शनिदेव भगवान सूर्य तथा छाया के पुत्र हैं। इन्हें क्रूर ग्रह माना गया है। ये एक राशि में तीस महीने तक रहते हैं तथा मकर और कुंभ राशि के स्वामी हैं। शनि की महादशा 19 वर्ष तक रहती है। शनिदेव न्यायप्रिय राजा हैं। ये अच्छे कर्मों का अच्छा तो बुरे कर्मों का बुरा फल देते हैं। शनि जयंती पर शनिदेव की पूजा के बाद इस आरती को जरूर करें।

जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।
सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी॥
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।।

श्याम अंग वक्र-दृ‍ष्टि चतुर्भुजा धारी।
नी लाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।।

Shani Jayanti 2020: शनि के प्रकोप से मुक्ति पाने के लिए शनि जयंती पर ऐसे करें पूजा अर्चना

क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी।
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी॥
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।।

मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी।
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी॥
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।।

देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी।
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी॥
जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी।।

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