Gemology For Shani Dev : ज्योतिष की एक शाखा रत्न शास्त्र में प्रत्येक ग्रह से संबंधित रत्नों के बारे में बताया गया है। इन रत्नों को धारण करने से कमजोर ग्रह मजबूत होते हैं और शुभ फल मिलते हैं। ये रत्न बहुत ही गुणकारी होते हैं। इसलिए कुंडली में ग्रहों की स्थिति देखकर रत्न धारण करना चाहिए ताकि जीवन में तेजी से तरक्की, धन, सुख मिल सके। आइए जानते हैं 2 ऐसी राशियों के बारे में जिन पर शनिदेव का प्रभाव है और इन लोगों के लिए नीलम रत्न पहनना बहुत शुभ होता है।
कुम्भ और मकर राशि वालों को नीलम धारण करना चाहिए
वैदिक ज्योतिष अनुसार मकर और कुंभ राशि के स्वामी शनि देव हैं। इसलिए इन दोनों राशियों के जातकों पर शनि का विशेष प्रभाव देखने को मिलता है। ज्योतिष अनुसार मकर और कुंभ राशि के लोगों पर शनि देव की विशेष कृपा होती है। रत्न यदि मकर और कुंभ राशि के लोग शनि ग्रह का प्रतिनिधित्व करने वाले नीलम रत्न को धारण करते हैं, तो उन्हें बहुत लाभ मिलता है। रत्न शास्त्र के अनुसार नीलम धारण करने से मकर और कुंभ राशि जातकों को धन, यश, मान सम्मान और सब कुछ शीघ्र प्राप्त होता है। हालांकि बिना किसी योग्य ज्योतिष के जानकार से सलाह के बाद ही नीलम धारण करना चाहिए।
नीलम आपके लिए उपयुक्त है या नहीं, यह जानने का सबसे अच्छा तरीका है कि नीलम को नीले कपड़े में लपेटकर अपने हाथ में बांध लें या रात को तकिए के नीचे सो जाएं। अगर आपको अच्छी चैन की नींद आती है तो मान लें कि यह रत्न आप पर सूट कर रहा है। जिन लोगों को नीलम शूट नहीं करता उन्हें अनिद्रा, तनाव, बुरे सपने का सामना करना पड़ता है।
मकर और कुंभ राशि के लोगों को यह गलती नहीं करनी चाहिए
मकर और कुंभ राशि वालों को नीलम धारण करना चाहिए या नहीं, लेकिन पुखराज कभी नहीं पहनना चाहिए। पुखराज रत्न धारण करने से उन्हें बहुत नुकसान हो सकता है। वैसे भी कोई भी रत्न किसी विशेषज्ञ की सलाह लेकर ही धारण करें। तभी उसका पूरा फल मिलता है।
नीलम धारण करते समय इन बातों का रखें ख्याल
नीलम कम से कम 2 कैरेट पहनना चाहिए; क्योंकि इसके प्रभाव को बढ़ाने के लिए नीलम की न्यूनतम मात्रा की आवश्यकता होती है। यदि आप इससे कम वजन का नीलम पहनते हैं, तो यह शायद बेहतर परिणाम न मिले। इसके अलावा, नीलम को शुद्ध गाय के दूध, शहद और गंगाजल में लगभग 15-20 मिनट तक भिगोने के बाद शनिवार को दाहिने हाथ की मध्यमा उंगली में पहनना चाहिए। इसके साथ ही इसे धारण करने से पहले शनि “मंत्र ओम् प्रां प्रीं प्रौं सः शनिश्चराय नमः” मंत्र का जितना अधिक संभव हो जप करना चाहिए। कम से 11 बार मंत्र जप जरूर करें। नीलम धारण करने के लिए शुभ नक्षत्र पुष्य, उत्तराभाद्रपद, चित्र, स्वाति, धनिष्ठा और शतभिषा है।