Shani Amavasya 2022 Upay: वैशाख माह की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 30 अप्रैल दिन शनिवार को है। हिंदू धर्म में शनिश्चरी अमावस्या का विशेष महत्व व प्रभाव होता है। जानकारों के मुताबिक जिन जातकों पर शनि की महादशा हो उनके लिए यह शनिश्चरी अमावस्या अति लाभदायक होगी।
शास्त्रों के मुताबिक अमावस्या तिथि पितरों के लिए समर्पित है, इसलिए इस यह दिन पितरों से जुड़े किसी भी काम को करने के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है। साथ ही इस दिन पूजा-पाठ, स्नान, दान आदि का भी विशेष महत्व बताया गया है।
स्कन्दपुराण के प्रभास खंड के अनुसार “अमावास्यां नरो यस्तु परान्नमुपभुञ्जते ।। तस्य मासकृतं पुण्क्मन्नदातुः प्रजायते” अर्थात जो व्यक्ति अमावस्या को दूसरे का अन्न खाता है उसका महिने भर का पुण्य उस अन्न के स्वामी/दाता को मिल जाता है। आइए जानते हैं कि किन उपायों के जरिए शनि देव और पितृ दोनों प्रसन्न होते हैं-
आज का पंचांग (30 April Panchang)
दिनांक: 30 अप्रैल 2022, शनिवार
मास: वैशाख (गुजरात एवं महाराष्ट्र के अनुसार चैत्र ), कृष्ण पक्ष
तिथि: अमावस्या 01 मई रात्रि 01:57 तक तत्पश्चात प्रतिपदा
नक्षत्र: अश्विनी रात्रि 08:13 तक तत्पश्चात भरणी
योग: प्रीति शाम 03:20 तक तत्पश्चात आयुष्मान
राहुकाल: सुबह 09:22 से सुबह 10:59 तक
दिशाशूल पूर्व दिशा में
मुहूर्त: वैशाख अमावस्या 30 अप्रैल को देर रात 12 बजकर 59 मिनट पर शुरू होकर 1 मई को देर रात 1 बजकर 59 मिनट पर समाप्त होगी। इसलिए 30 अप्रैल को शाम को शनिदेव की पूजा-अर्चना की जाएगी।
शुरुआती तिथि: 29 अप्रैल को देर रात 12:57 मिनट
समापन तिथि: 30 अप्रैल दिन शनिवार देर रात 1:57 मिनट
प्रीति योग: 30 अप्रैल को दोपहर बाद 3:20 मिनट तक
अश्विनी नक्षत्र: 30 अप्रैल को रात 8:13 मिनट तक
शनैश्चरी अमावस्या को किये जाने वाले जरूरी उपाय
शनैश्चरी अमवस्या के दिन नदी में स्नान व सत्तू का दान अवश्य करें। इसके अलावा शनि दशा से पीड़ित जातकों को इस दिन तेल दान करना चाहिए; साथ ही पीपल की पूजा करनी चाहिए और तिल से पीपल की फेरी दें।
पितृ दोष से पीड़ित लोगों को इस दिन उनके मन-पसंद चीजों का दान करना चाहिए। भोजन-कपड़े विशेष रूप से दान करें एवं काले कोयले को 5 बार उतार कर नदी में फेंक दें।
हनुमान जी के उपासकों को दिन 108 पाठ या समय अनुसार ज्यादा से ज्यादा हनुमान चालीसा, सुन्दर कांड, हनुमान बहुक, पंच मुख् हनुमान स्त्रोत आदि का पाठ करना चाहिए। लक्ष्मी या धन से संबंधित दिक्कत वाले शहद से भगवान शिव का इस दिन अभिषेक करें व कपूर आरती करें।
शनि अमावस्या के दिन सातमुखी रूद्राक्ष को गंगाजल से धोकर धारण करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से समस्याओं से मुक्ति मिलती है। साथ ही पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं।