Sawan Somwar 2022: सावन का महीना भोलेनाथ की पूजा के लिए उत्तम माना जाता है। इन पूरे महीने में भगवान शिव का रुद्राभिषेक और जलाभिषेक होता है। साथ ही इसी महीने में शिव भक्त कावंड भी लाते हैं। इस साल सावन माह में चार सोमवार पड़ रहे हैं, जिसमे दो सोमवार बीत चुके हैं। पहला सोमवार 18 जुलाई व दूसरा सोमवार 25 जुलाई को था। वहीं तीसरा सोमवार 1 अगस्त को है। ज्योतिष के दृष्टिकोण से सावन का तीसरा सोमवार भोलेनाथ और गणपति की पूजा के लिए खास है। दरअसल इस दिन शिव और रवि योग के अलावा विनायक चतुर्थी का खास संयोग बन रहा है। इसलिए इन संयोग में पूजा करने का दोगुना फल प्राप्त होगा।

जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त

चतुर्थी तिथि शुरू: 1 अगस्त सुबह 04 बजकर 17 मिनट से आरंभ

चतुर्थी तिथि समाप्त:  2 अगस्त सुबह 5 बजकर 12 मिनट पर

परिघ योग:  पंचांग के अनुसार 31 जुलाई शाम 07 बजकर 12 मिनट से  1 अगस्त  शाम 07 बजकर 02 मिनट तक

शिव योग:  1 अगस्त  शाम 07 बजकर 02 मिनट से 2 अगस्त शाम 6 बजकर 38 मिनट कर

रवि योग: 1 अगस्त को सुबह 5 बजकर 3 मिनट से शाम 4 बजकर 7 मिनट तक

शिवजी की के मंत्र

1- ऊं नम: शिवाय

2- नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांग रागाय महेश्वराय

नित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मै न काराय नम: शिवाय

3- श्रवणनयनजं वा मानसं वापराधम्

विहितमविहितं वा सर्वमेतत्क्षमस्व

जय-जय करुणाब्धे श्री महादेव शम्भो

4- ॐ हौं जूं स: ॐ भूर्भुव: स्व: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्व: भुव: भू: ॐ स: जूं हौं ॐ !!

शिव जी आरती

ॐ जय शिव ओंकारा

दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे

त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे

ॐ जय शिव ओंकारा

अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी

त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी

ॐ जय शिव ओंकारा

ॐ जय शिव ओंकारा

सुखकारी दुखहारी जगपालन कारी

कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूलधारी

ॐ जय शिव ओंकारा

सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे 

श्वेतांबर पीतांबर बाघंबर अंगे

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका

प्रणवाक्षर में शोभित ये तीनों एका

ॐ जय शिव ओंकारा

लक्ष्मी व सावित्री पार्वती संगा

पार्वती अर्द्धांगी, शिवलहरी गंगा

ॐ जय शिव ओंकारा

त्रिगुणस्वामी जी की आरती जो कोइ नर गावे

कहत शिवानंद स्वामी सुख संपति पावे

ॐ जय शिव ओंकारा