Nag Panchami 2017 Puja Vidhi: 27 जुलाई यानि बृहस्पतिवार को नागपंचमी मनाई जाएगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान शिवजी से संबंधित नागों की पूजा की जाती है। इस त्योहार के बारे में एक कथा भी है। कथा के अनुसार एक बार किसी गांव में एक किसान रहता था। किसान के एक बेटी और दो बेटे थे। किसान बहुत मेहनती था। अपने परिवार को पालन पोषण के लिए वो खुद हल चलाता था। एक दिन हल जोतते हुए किसान ने गलती से एक नागिन के अंडों को कुचल दिया और सभी अंडे नष्‍ट हो गए।

नागिन खेत में नहीं थी। जब वह लौटी तो बहुत गुस्सा हुई और उसने बदला लेने की ठानी ली। नागिन ने कुछ ही समय बाद किसान के बेटों को डस लिया, जिससे दोनों की मौत हो गई। नागिन किसान की बेटी को भी डसना चाहती थी। लेकिन वो घर पर नहीं थी। अगले दिन नागिन फिर किसान के घर आई तो देखकर बहुत हैरान हुई, क्योंकि किसान की बेटी ने नागिन के सामने एक कटोरी में दूध रख दिया और नागिन से माफी मांगने लगी।

किसान की बेटी के इस रवैये से नागिन बहुत खुश हुई और नागिन ने दोनों भाइयों को जीवित कर दिया। यह घटना श्रावण शुक्ल की पंचमी को हुई थी, यही कारण है कि इस दिन नागों की पूजा की जाती है।

नागपंचमी के बारे में आप कितना जानते हैं, एक मिनट में खुद को परखें

वहीं एक दूसरी कथा के मुताबिक एक राजा की रानी गर्भवती थी। उसने राजा से जंगल से फल लाने की इच्छा व्यक्‍त की। राजा वन से करैली तोड़ने लगा। तभी वहां नाग देवता आ गए और कहा कि तुमने मेरी आज्ञा की बिना करैली क्यों तोड़ी? राजा ने क्षमा मांगी लेकिन नाग देवता ने एक न सुनी। राजा ने नाग देवता से कहा कि मैंने रानी को वचन दिया है, इसलिए वो करैली को घर ले जाना चाहते हैं।

नागदेवता ने कहा ठीक है ले जाओ लेकिन इसके बदले में तुम्हें अपनी पहली संतान मुझे देनी पड़ेगी। राजा को कुछ समझ में नहीं आया कि क्या करे। राजा ने वचन दे दिया और घर आ गया। घर आकर राजा ने रानी को सारी बात बताई। रानी ने एक बेटे और एक बेटी को जन्म दिया। कुछ ही दिनों में नाग राजा के घर संतान लेने पहुंचा। राजा ने कहा कि पहली संतान लड़की हुई थी, लड़की के मुंडन के बाद आना, तभी दूंगा।

राजा की बात मानकार नाग वहां से चला गया। नाग फिर आया , राजा ने नाग को कहा कि शादी के बाद आना। लेकिन नाग ने सोचा की शादी के बाद तो पिता का पुत्री पर कोई अधिकार ही नहीं रहता। इसलिए नाग ने लड़की को उठा ले जाने की योजना बनाई। एक दिन नाग राजा की बेटी को उठाकर ले गया और राजा को बता दिया। राजा ने जैसे ही बेटी को ले जाने की बात सुनी तो राजा की उसी समय मौत हो गई। राजा की मौत की खबर सुनकर रानी भी मर गई। अब घर में राजा का लड़का अकेला रह गया। राजा के बेटे को उसके रिश्तेदारों ने लूट लिया और भिखारी बना लिया। राजा का बेटा भीख मांगने लगा। एक दिन भीख मांगते हुए राजा का लड़का नाग के घर पहुंचा तो उसकी बहन ने उसे पहचान लिया और फिर दोनों भाई-बहन प्रेम पूर्वक रहने लगे। तभी से ये त्योहार मनाया जाता है।

नागपंचमी के दिन व्रत भी रखा जाता है। ज्योतिषियों के अनुसार इस दिन व्रत रखने से पुत्र की प्राप्ति होती है। इस व्रत के लिए सोने का पांच फन वाला नाग तैयार करवाएं। जिन लोगों के लिए सोने का नाग बनवाना संभव नहीं है उन लोगों को चांदी का नाग बनवाना चाहिए। चांदी का नाग बनवाने की भी आर्थिक शक्ति ना हो तो तिल, चावल, राई, गेंहू, इनमें से किसी आटे में चुटकी भर हल्दी डालकर पीले रंग का एक हथेली की लंबाई जितना नाग तैयार कर लें। किसी भी महीने के शुल्क पंचमी के दिन सोना, चांदी या आटे से बने नाग के कलश की पूजा करें। पूजा पाठ के बाद किसी ब्रह्माण को खीर का भोजन खिलाकर उचित दक्षिणा दें।