Things Should Never Offer To Lord Shiva: भगवान शिव की अराधना का विशेष महीना सावन शुरू हो चुका है। इस महीने लोग महादेव की कृपा प्राप्त करने के लिए नियमित रूप से रोजाना उनकी पूजा करते हैं साथ ही शिवलिंग पर जल भी चढ़ाते हैं। यहां आप जानेंगे शिव जी की पूजा में किन बातों का रखना चाहिए विशेष ध्यान, इनकी पूजा में कौन सी चीजें मानी जाती हैं जरूरी तो किन चीजों के प्रयोग पर होती है पाबंदी।

शिव की पूजा में इन चीजों का करें इस्तेमाल: दूध: भगवान शिव का दूध और गंगाजल से अभिषेक करना चाहिए। पौराणिक कथाओं के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान जब विषपान करने से भगवान शिव का कंठ जलने लगा था तब देवताओं के आग्रह पर दूध पीने से उनकी जलन कम हुई थी। इसलिए दूध भगवान शिव का प्रिय माना जाता है। बेलपत्र: बिना इसके भोलनाथ की पूजा अधूरी मानी जाती है। इसलिए सावन में महादेव की पूजा करते समय उन्हें बेलपत्र जरूर अर्पित करें। कनेर फूल: भगवान शिव को कनेर का फूल जरूर चढ़ाना चाहिए। मान्यता है कि महादेव को कनेर का फूल और आक का फूल चढ़ाने से मनवांछित इच्छाएँ पूर्ण होती हैं। ये चीजें भी करें अर्पित: मान्यता है कि धतूरा, इत्र, चंदन, बेलपत्र, भांग, केसर, गंगाजल, शहद, अक्षत, शक्कर, दही, घी, गन्ने का रस और कनेर फूल भगवान शंकर को अति प्रिय हैं। इसलिए इनकी पूजा में इन चीजों का भी जरूर इस्तेमाल करना चाहिए।

भगवान शिव को ये चीजें न करें अर्पित:

सिंदूर: श‍िवजी को स‍िंदूर कभी न चढ़ाएं क्योंकि भगवान शिव संहारक के रूप में जाने जाते हैं इसलिए शिवलिंग पर स‍िंदूर नहीं चढ़ाया जाता है।

हल्‍दी: शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग पुरुष तत्व का प्रतीक माना जाता है और हल्दी स्त्रियों से संबंधित है। इसी वजह से शिवलिंग पर या शिव की पूजा में इसका इस्तेमाल नहीं किया जाता है।

शंख से जल: श‍िवल‍िंग पर शंख से जल भी नहीं चढ़ाना चाहिए। क्योंकि श‍िवपुराण के अनुसार शंखचूड़ नाम का एक महापराक्रमी दैत्‍य था। जिसका वध श‍िवजी ने किया था इसी कारण शंख का जल शिव पूजा में न‍िषेध माना गया है। (यह भी पढ़ें- 2021 से 2025 तक कब किस राशि पर रहेगी शनि ढैय्या और कौन सी राशियां इससे रहेंगी मुक्त, जानिए)

तुलसी: श‍िवलिंग पर तुलसी भी नहीं चढ़ानी चाहिए। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार तुलसी भगवान श्रीहरि की पटरानी हैं और तुलसी जी ने अपनी तपस्या से भगवान श्रीहरि को पतिरूप में प्राप्त किया था।

नारियल पानी: श‍िवल‍िंग पर नार‍ियल पानी भी नहीं चढ़ाया जाता है। शिव की पूजा में नारियल का तो इस्तेमाल किया जाता है लेकिन नारियल पानी का नहीं क्योंकि शिवलिंग पर चढ़ाई जाने वाली सारी चीज़ें निर्मल होनी चाहिए यानी जिनका सेवन ना किया जाए और नारियल पानी देवताओं को चढ़ाये जाने के बाद खुद भी ग्रहण किया जाता है इसीलिए शिवलिंग पर नारियल पानी नहीं चढ़ाया जाता है।

केतकी और केवड़े के फूल: श‍िवल‍िंग पर केतकी और केवड़े के फूल नहीं चढ़ाने चाहिए। ध्‍यान रखें क‍ि श‍िवजी को केवल सफेद रंग के फूल ही चढ़ाने चाहिए।