Shani Rashi Parivartan 2022: शनि का राशि परिवर्तन ढाई साल में एक बार होता है। शनि ने 24 जनवरी 2020 में अपनी राशि बदली थी और तभी से ये ग्रह मकर राशि में गोचर है। अब शनि 29 अप्रैल 2022 में अपनी राशि बदलेंगे। इस दौरान शनि अपनी स्वराशि कुंभ में प्रवेश करेंगे। शनि के इस राशि में गोचर शुरू करते ही कुछ राशि वालों को शनि की दशा से मुक्ति मिल जाएगी तो कुछ राशियां शनि की चपेट में आ जायेंगी। जानिए शनि के राशि परिवर्तन का क्या पड़ेगा प्रभाव।
इस राशि वालों को शनि साढ़े साती से मिलेगी मुक्ति (Shani Sade Sati 2022)
शनि 29 अप्रैल 2022 में कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। इस दौरान धनु राशि के जातकों को साढ़े सात साल बाद शनि साढ़े साती से मुक्ति मिल जाएगी। वहीं मीन राशि वाले शनि साढ़े साती की चपेट में आ जायेंगे। इसके अलावा मकर वालों पर शनि की इस महादशा का आखिरी चरण शुरू हो जाएगा तो कुंभ वालों पर इसका दूसरा चरण शुरू होगा। कुंभ राशि में शनि 29 मार्च 2025 तक रहेंगे। इसके बाद मीन राशि में प्रवेश कर जायेंगे।
इन्हें मिलेगी शनि ढैय्या से मुक्ति (Shani Dhaiya 2022)
शनि के कुंभ राशि में प्रवेश करते ही मिथुन और तुला राशि के लोगों को शनि ढैय्या से मुक्ति मिल जाएगी। वहीं कर्क और वृश्चिक राशि वाले शनि की इस दशा की चपेट में आ जायेंगे। बता दें कि शनि ढैय्या की अवधि ढाई साल की होती है। शनि साढ़े साती की तरह ही शनि ढैय्या का भी प्रभाव लोगों के जीवन पर पड़ता है। (यह भी पढ़ें- कम उम्र में ही सफलता की बुलंदियों पर पहुंच जाते हैं इन 4 राशि के लोग, दिमाग के होते हैं काफी तेज)
शनि को मजबूत करने के उपाय (Shani Ke Upay):
शनि को मजबूत करने के लिए हर शनिवार शनि देव की विशेष अराधना करनी चाहिए। शनिवार के दिन पीपल के पेड़ पर सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए। शनि से संबंधित चीजों का शनिवार के दिन दान करना चाहिए। शनि चालीसा और हनुमान चालीसा का पाठ हर शनिवार करना चाहिए। कहते हैं बजरंगबली की अराधना करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं। शनिवार के दिन शनि जी की प्रतिमा पर सरसों का तेल चढ़ाना चाहिए।