Saturn transit in Aquarius: शनि 29 अप्रैल 2022 से ही अपनी स्वयं की राशि मकर, कुंभ और फिर मकर के बाद कुंभ में प्रवेश कर जाएंगे। जहां वह 29 मार्च 2025 तक रहेंगे। शनि 5 जून को वक्री हो गया है जो 23 अक्टूबर तक इसी वक्री अवस्था में था अब मकर राशि में भ्रमण कर रहा है। शनि की इस स्थिति के कारण 2025 तक 3 राशि के जातकों को सावधान रहना होगा। आइए जानते हैं कौन सी हैं ये राशियां-

कुंभ राशि: 29 अप्रैल 2022 को शनि कुंभ राशि में गोचर किया था, फिर 5 जून को शनि इसी राशि में वक्री हुए थे; फिर 12 जुलाई को वक्री शनि ने मकर राशि में प्रवेश किया था। अब 17-18 जनवरी, 2023 को शनि कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे, जहां यह 2025 तक रहेगा। साल 2025 तक आपको अपने जीवन में उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा। इसके बाद जीवन सामान्य रहेगा लेकिन 23 फरवरी 2028 को शनि के साथ से आपको राहत मिलेगी।

मीन राशि: 29 अप्रैल 2022 को जब शनि कुंभ राशि में प्रवेश किया था तभी से मीन राशि के जातकों पर शनि की साढ़े साती शुरू हो गई थी। 29 मार्च 2025 को शनि के कुंभ राशि में गोचर करने से आपको कुछ राहत मिलेगी। हालांकि यह साढ़ेसाती 17 अप्रैल 2030 तक मीन राशि में रहेगी। आपके लिए साढ़े साती का पहला चरण चल रहा है।

मकर राशि: मकर राशि वालों पर शनि की साढ़े साती 26 जनवरी 2017 से शुरू हुई थी, जो कि मकर राशि के जातकों को शनि की साढ़े साती से 29 मार्च 2025 को मुक्ति मिलेगी। वहीं 17 जनवरी 2023 को धनु राशि वालों को शनि की साढ़े साती से पूर्ण मुक्ति मिलेगी।

साढ़ेसाती के चरण: साढ़ेसाती का अंतिम चरण मकर राशि में, दूसरा चरण कुंभ राशि में और पहला चरण मीन राशि में रहेगा। कुंभ राशि वालों के लिए जो सबसे अधिक परेशानी वाला समय रहेगा। क्‍योंकि ज्‍योतिष के अनुसार दूसरा चरण सबसे खराब माना जाता है।

शनि के ढैय्या

Shani in Kumbh Rashi: 29 अप्रैल 2022 को शनि के कुंभ राशि में आगमन के साथ ही कर्क और वृश्चिक राशि पर शनि ढैय्या का प्रभाव शुरू हो गया है। इससे उन्हें साल 2024 में ही निजात मिलेगा। वहीं 17 जनवरी 2023 से शनि के मार्गी होने से तुला और मिथुन राशि वालों पर शनि ढैय्या का प्रभाव पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा। 24 जनवरी 2020 से तुला राशि में शनि की ढैय्या चल रही है।