Samudrik Shastra: सामुद्रिक शास्त्र में यह माना जाता है कि शरीर के अंगों के माध्यम से किसी व्यक्ति के जीवन के रहस्यों को समझने का प्रयास किया जाता है। कहते हैं कि इस शास्त्र की रचना ऋषि समुद्र ने की थीं। इसलिए ही इस शास्त्र का नाम समुद्र शास्त्र रखा गया।
बताया जाता है कि किसी व्यक्ति के हाथों की उंगलियों और अंगूठे का आकार भी उसके बारे में गहन राज बताने में सक्षम है। इस शास्त्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि हाथ का अंगुठा देखकर प्रेम संबंधों के बारे में जाना जा सकता है। कहते हैं कि अंगूठे की बनावट से प्रेम संबंधों के रिश्तों को भी समझा जा सकता है।
बताया जाता है कि अगर किसी व्यक्ति के हाथ का अंगूठा मोटा और छोटा है तो ऐसे व्यक्ति को बहुत मुश्किल से किसी का प्यार मिल पाता है। ऐसे लोगों में व्यावहारिकता अधिक और भावुकता कम होती है, इसलिए ऐसे लोगों के प्रेम संबंध लंबे समय तक टिक नहीं पाते हैं। अगर ऐसे लोगों के प्रेम संबंध टिक भी जाएं तो उसमें उतना अधिक विश्वास पैदा नहीं हो पाता है।
ऐसी मान्यता है कि जिन लोगों के हाथ का अंगूठा पतला और लंबा होता है, उनके बहुत-से प्रेम संबंध होते हैं। इन लोगों को आसानी से किसी से भी प्यार हो जाता है। ऐसे लोग प्रेम में पड़ने से पहले ज्यादा सोच-विचार नहीं करते हैं। साथ ही ऐसे लोगों को किसी पर विश्वास भी बहुत जल्दी हो जाता है। जानकारों की मानें तो ऐसे अंगूठे वालों का प्रेम विवाह होता है।
कई लोगों के हाथों का अंगूठा पतला होता है लेकिन लंबा नहीं होता है, ऐसे लोगों को प्रेम के दृष्टिकोण से बहुत सौभाग्यशाली माना जाता है। सामुद्रिक शास्त्र के विद्वान बताते हैं कि ऐसे लोग अपने लिए बहुत समझदार और अच्छे व्यक्तित्व का व्यक्ति चुनते हैं। कहते हैं कि इन लोगों को अच्छे-बुरे की समझ होती है और इनकी कोशिश रहती है कि यह अपने पार्टनर के साथ अच्छा व्यवहार करें और इनका रिश्ता खराब ना हो।
कहते हैं कि जिन लोगों के हाथ का अंगूठा पीछे की ओर नहीं मुड़ता हैं वह लोग बहुत कम भावुक होते हैं। इस वजह से इनके प्रेम संबंध लंबे समय तक नहीं टिक पाते हैं। इनके जीवनसाथी की तलाश बहुत लंबे समय तक खत्म नहीं हो पाती है।