Samudrik Shastra/ Per Ki Ungli Par Til Hona : पैर की उंगलियों पर तिल होने का मतलब बहुत खास होता है। सामुद्रिक शास्त्र में यह माना जाता है कि जिस व्यक्ति की पैर की उंगली पर तिल होता है वह बहुत भाग्यशाली होते हैं। लेकिन पैर की उंगलियों के हरेक तिल को शुभ नहीं माना जा सकता है पैर की अलग-अलग उंगलियों पर तिल होने का मतलब भी अलग-अलग होता है। इन्हें सामुद्रिक शास्त्र की मदद से समझा जा सकता हैं।

पैर की कनिष्ठा पर तिल – पैर की कनिष्ठा यानी सबसे छोटी उंगली पर तिल होने से व्यक्ति बहुत चंचल स्वभाव का होता है। ऐसा माना जाता है कि यह लोग एक जगह नहीं रह सकते हैं। इन्हें बहुत जल्दी बोरियत महसूस होने लगती है। इन लोगों को अपनी मर्जी से जिंदगी जीने की इच्छा होती है।

अनामिका उंगली पर तिल का मतलब – पैर की सबसे छोटी उंगली के बराबर वाली उंगली को अनामिका कहा जाता है। कहते हैं कि जिस व्यक्ति की अनामिका उंगली पर तिल होता है वह बहुत भाग्यशाली होता है। लेकिन साथ ही ऐसे व्यक्ति में कॉन्फिडेंस की कमी होती है। यह लोगों के सामने सहज महसूस नहीं कर पाते हैं।

पैर की मध्यमा पर तिल – पैर की बीच वाली उंगली को मध्यमा कहा जाता है। इस उंगली पर तिल होने से व्यक्ति बहुत सारी भाषाओं का ज्ञान ही बनता है। ऐसे लोगों को लोकप्रिय होने की हार्दिक इच्छा होती है। यह लोग हमेशा अपने प्रशंसकों से घिरे रहना पसंद करते हैं।

तर्जनी पर तिल का अर्थ – अंगूठे के बराबर वाली उंगली को तर्जनी उंगली कहा जाता है। इस उंगली पर तिल होने का मतलब यह होता है कि व्यक्ति बहुत किस्मत वाला है। ऐसे व्यक्ति को कभी जीवन में किसी चीज की कमी नहीं होती है। यह लोग बहुत खुशमिजाज होते हैं। इन्हें लोग बहुत पसंद करते हैं।

अंगूठे पर तिल का मतलब – पैर के अंगूठे पर तिल होने का यह मतलब है कि वह व्यक्ति घूमने-फिरने का बहुत शौकीन है। ऐसा व्यक्ति मौका मिलते ही दुनिया से दूरी बनाकर अपने साथ समय व्यतीत करने दूर जाना चाहता है। यह लोग शांतिप्रिय होने के साथ ही अपनी जिंदगी में एडवेंचर की भी चाह रखते हैं।