सामुद्रिक शास्त्र में शरीर के अंगों और उन पर बने निशानों से यह पता लगाया जाता है कि किस व्यक्ति का जीवन कैसा होगा। सामुद्रिक शास्त्र को ऋषि समुद्र ने लिखा था। इसलिए इस शास्त्र को समुद्र शास्त्र भी कहा जाता है। इस शास्त्र के मुताबिक शरीर पर काले और लाल तिलों का अलग-अलग मतलब होता है। सामुद्रिक शास्त्र की इस स्टोरी में जानिये हथेली के तिलों का मतलब –
जिस व्यक्ति के अंगूठे पर तिल होता है। वह व्यक्ति किसी भी काम को बहुत निपुणता के साथ करता है। ऐसा व्यक्ति हर स्थिति में न्याय का रास्ता चुनता है। ऐसे व्यक्ति को हर हालात में सही-गलत का फैसला लेना आता है।
सामुद्रिक शास्त्र के मुताबिक जिस व्यक्ति की तर्जनी उंगली यानी अंगूठे के बराबर वाली उंगली पर तिल होता है। ऐसे व्यक्ति को दुश्मनों से हार झेलनी पड़ती है। लेकिन ऐसे लोगों के पास समय के साथ-साथ धन लगातार बढ़ता रहता है।
मध्यमा उंगली यानी बीच वाली उंगली पर तिल होने से व्यक्ति जीवन में अनेकों सुखों को प्राप्त करता है। ऐसे व्यक्ति को शुक्र ग्रह की विशेष कृपा मिलती है। जिसके प्रभाव से व्यक्ति का जीवन शांत और समृद्धता से परिपूर्ण होता है।
अनामिका यानी रिंग फिंगर पर तिल होने से व्यक्ति ज्ञानी बनता है। ऐसा तिल व्यक्ति को समाज में मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। यश मिलता है। रिंग फिंगर पर तिल व्यक्ति को बलवान बनाता है।
समुद्र शास्त्र में कहा जाता है कि कनिष्ठा यानी सबसे छोटी उंगली पर तिल होने से व्यक्ति के जीवन में दुख आते हैं। ऐसे व्यक्ति को बहुत-सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लेकिन साथ ही ऐसा व्यक्ति धनवान होता है।
जिस व्यक्ति के सूर्य पर्वत यानी रिंग फिंगर के निचले हिस्से पर तिल होता है। ऐसा व्यक्ति समाज में मान-सम्मान नहीं पा पाता है। ऐसे व्यक्ति को कलंक का सामना करना पड़ता है। नौकरी या व्यवसाय में बहुत अधिक नुकसान झेलना पड़ता है।
जिनके हाथ में बुध पर्वत यानी छोटी उंगली पर तिल होता है। ऐसे व्यक्ति को त्वचा से संबंधित रोगों से पीड़ित होना पड़ता है। ऐसे लोगों को दिमाग से जुड़े रोगों से भी परेशान होना पड़ता है। बुध ग्रह त्वचा और बुद्धि को प्रभावित करता है।