Samudrik Shastra for Fingers: सामुद्रिक शास्त्र में यह माना जाता है कि शरीर के अलग-अलग अंगों की बनावट हमारे जीवन को और हमारे जीवन में आने वाली परिस्थितियों को विभिन्न रूपों से प्रभावित कर सकती हैं। ऋषि समुद्र ने इस शास्त्र की रचना की थीं। इसलिए इस शास्त्र को समुद्र शास्त्र भी कहा जाता है।

जानकारों का मानना है कि इस शास्त्र में बताए गए तर्क बहुत सटीक होते हैं इसलिए आज भी लोग सामुद्रिक शास्त्र के तर्कों पर विश्वास करते हैं। सामुद्रिक शास्त्र में यह भी बताया गया है कि उंगलियों की बनावट से व्यक्ति के स्वास्थ्य के बारे में जाना जा सकता है।

पतली उंगलियां – सामुद्रिक शास्त्र में यह माना जाता है कि जिन लोगों की उंगलियां पतली होती हैं उनका स्वास्थ्य ठीक रहता है। ऐसे लोगों को बीमारियां बहुत कम लगती हैं। अगर कोई बीमारी लग भी जाए तो बहुत जल्द वह इससे निजात पा लेते हैं। यह लोग बिना एक्सरसाइज और बहुत अधिक शारीरिक गतिविधियों के बिना भी अपनी पूरी जिंदगी तंदुरुस्त रहते हैं।

मोटी उंगलियां – बताया जाता है कि जिन लोगों की उंगलियां मोटी होती हैं वह लोग अक्सर बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। बहुत खुशमिजाज होने के बावजूद भी इन्हें अपने शरीर की वजह से दुख झेलने पड़ते हैं। कहते हैं कि ऐसे लोगों को इस प्रकार की बीमारियां लग सकती हैं जिनकी वजह से इन्हें लंबे समय तक दवाइयां खानी पड़ती हैं।

बीच में से मोटी लेकिन ऊपर-नीचे से मोटी उंगलियां – कई लोगों की उंगलियों का आकार ऐसा होता है जो उंगली की शुरुआत और ऊपर से पतला होता है लेकिन उंगली के बीच में यानी हड्डियों के जोड़ से उनकी उंगली बहुत मोटी होती है। माना जाता है कि ऐसे लोगों को समय के साथ-साथ बढ़ते मोटापे का सामना करना पड़ता है। कहते हैं कि इन लोगों को उम्र भर दवाइयों का सहारा लेना पड़ सकता हैं।

छोटी उंगलियां – कहते हैं कि जिन लोगों की उंगलियों का आकार छोटा होता है ऐसे लोग थोड़े समय अंतराल के बाद बीमार होते रहते हैं लेकिन ऐसे लोग बीमार होने के बाद बहुत जल्द ठीक हो जाते हैं। इन लोगों को शारीरिक अस्वस्थता से ज्यादा मानसिक तनाव की शिकायत रहती हैं। ऐसे लोगों को बीमारी का नाम सुनते ही दुख होने लगता हैं।