Samudrik Shastra/ Cheek Mole Meaning : सामुद्रिक शास्त्र में यह माना जाता है कि शरीर के सभी तिलों का कुछ न कुछ मतलब होता है। माना जाता है कि चेहरे के तिल बहुत खास होते हैं। साथ ही समुद्र शास्त्र भी मानता है कि अगर किसी व्यक्ति के गाल पर तिल है वह बहुत सौभाग्यशाली होता है। लेकिन गाल के अलग-अलग हिस्से पर भी तिल का अर्थ अलग-अलग बताया गया है।
गाल के बीच में तिल – जिन लोगों के गाल के बीचों बीच तिल होता है ऐसे लोग बहुत भावुक होते हैं। माना जाता है कि इन लोगों की किस्मत बहुत तेज होती है। यह लोग बहुत जल्द दूसरों की बातों में आ जाते हैं। साथ ही यह दूसरों को प्रभावित करने में भी सक्षम होते हैं। इन्हें दूसरों की बातों का जल्दी बुरा लग जाता है।
गाल के ऊपरी हिस्से पर तिल होना – यह शास्त्र मानता है कि जिन लोगों के काल के ऊपरी हिस्से पर तिल होता है ऐसे लोग बहुत रचनात्मक होते हैं। यदि कोई भी काम सामान्य तरीके से करना पसंद नहीं आता है। यह हर कार्य में अपनी कलात्मकता दिखाना चाहते हैं। जीवन के प्रति इनका सकारात्मक रवैया होता है। इनके जीवन में धन की स्थिति भी अच्छी बनी रहती है। ऐसे लोगों की कोशिश रहती है कि लोग हमेशा इनसे खुश रहें।
गाल के निचली ओर तिल होना – सामुद्रिक शास्त्र में यह माना जाता है कि जिन लोगों के गाल के निचली हिस्से पर होता है ऐसे लोग बहुत सहनशील होते हैं। इन लोगों को जीवन में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। लेकिन फिर भी यह जीवन की कठिन परिस्थितियों को सहते हुए वक्त से लड़कर आगे बढ़ जाते हैं। इनका मानना होता है कि जीवन दुखों का सागर है जिसमें सबको ही दुख सहना पड़ता है।
गाल के दाहिनीं और बाएं ओर तिल – माना जाता है कि जिन लोगों के दाहिनीं ओर तिल होता है ऐसे लोग बहुत धनवान होते हैं। इनके पास किसी भी वस्तु का अभाव नहीं होता है। हमेशा कोशिश रहती है कि यह खुशनुमा माहौल बनाए रखें।जबकि बाएं ओर तिल वाले लोग अक्सर अकेलापन महसूस करते हैं। इन्हें लोगों के साथ उठना-बैठना पसंद नहीं होता है। यह लोग खुद को बेहतरीन मानते हैं। इनका कहना होता है कि जीवन स्वयं के लिए जीना चाहिए। ऐसे लोग अपने हित के लिए कार्य करना पसंद करते हैं।