गुरु पुष्य योग 2022 : ज्योतिष में 27 नक्षत्रों में से एक गुरु पुष्य नक्षत्र को बहुत शुभ माना जाता है। गुरु पुष्य नक्षत्र रविवार या गुरुवार को पड़ने पर सबसे शुभ माना जाता है। यह योग सभी शुभ योगों में सबसे दुर्लभ योग माना जाता है। इस बार गुरु पुष्य योग 25 अगस्त को बन रहा है। दिवाली से पहले इस विशेष योग में सोना-चांदी खरीदना और नया घर और वाहन खरीदना बहुत शुभ माना जाता है।
धनतेरस के बाद ज्योतिष शास्त्र में गुरु पुष्य योग को सोना खरीदने का सबसे शुभ मुहूर्त माना गया है। गुरुवार 25 अगस्त 2022 को गुरु पुष्य योग ही नहीं बल्कि कुछ अन्य विशेष योग भी इस दिन को सोने-चांदी की खरीदारी के लिए सबसे खास बना रहे हैं। आइए जानते हैं कौन से हैं ये शुभ योग-
गुरु पुष्य योग शुभ मुहूर्त ( Guru Pushya Yoga 2022 Shubh Muhurt)
गुरु पुष्य योग गुरुवार 25 अगस्त को सूर्योदय से शाम 4:00 बजे से 16:00 बजे तक रहेगा। गुरु पुष्य योग धन और समृद्धि के लिए बहुत ही खास माना जाता है। अगर आप घर खरीदने या सोना-चांदी खरीदने या कोई बड़ा वाहन खरीदने की योजना बना रहे हैं तो यह योग आपके लिए बहुत शुभ है। अगर आपके घर में दिवाली से पहले कोई शादी या कोई अन्य कार्यक्रम है जहां आप सोना खरीदना चाहते हैं तो इसके लिए यह दिन सबसे अच्छा है।
सर्वार्थ सिद्धि योग की तिथि, महत्व और मान्यता (Sarvartha Siddhi Yoga Date, Significance and Recognition)
25 अगस्त गुरुवार को सूर्योदय से शाम 4:00 बजे से 16:00 बजे तक सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा। ऐसा माना जाता है कि सर्वार्थ सिद्धि योग देवी लक्ष्मी से जुड़ा हुआ है। इस योग में कोई भी कार्य करने से विशेष सिद्धि प्राप्त होती है। इस शुभ मुहूर्त में कोई भी कार्य करने से मनोवांछित सिद्धि प्राप्त होती है। इस शुभ समय में कोई भी नया व्यवसाय करने से भविष्य में सफलता मिलती है।
अमृत सिद्धि
योग गुरु पुष्य योग और सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ ही 25 अगस्त को अमृत सिद्धि योग भी है। इस शुभ योग में कोई भी पूजा, अनुष्ठान या अन्य शुभ कार्य करने से भविष्य में शुभ फल की प्राप्ति होती है। इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा करने और भगवान विष्णु को पीले फूल और फल चढ़ाने से आपके सभी कार्य बिना किसी बाधा के पूरे होते हैं। इसके अलावा जिस दिन चंद्रमा अपनी राशि में होगा उस दिन चंद्रमा का कर्क राशि में होना भी बहुत शुभ माना जाता है । चंद्रा को मां लक्ष्मी से भी जोड़ा जाता है और उन्हें मां लक्ष्मी का भाई कहा जाता है। चंद्रमा की अपनी राशि में होना धन और समृद्धि की दृष्टि से शुभ माना जाता है।