दुनिया भर के मुसलमानों के लिए सबसे महत्वपूर्ण महीनों में से एक, रमजान इस साल 2 अप्रैल से शुरू हो रहा है। महीने भर की अवधि के दौरान जो रोजा या उपवास रखते हैं उनके लिए रमजान का महीना 30 अप्रैल को समाप्त होगी। लोग अपना पहला भोजन या सहरी करने के लिए सुबह जल्दी उठते हैं, और शाम को वे इफ्तार साथ अपना उपवास तोड़ते हैं। यह महीना सभी मुसलमानों के लिए बेहद शुभ और पवित्र माना जाता है।
रमजान को रमदान भी कहते हैं। यह इस्लामी कैलेण्डर का नवां महीना है। इसे माह ए रमजान भी कहा जाता है। यह पवित्र महीना है जिसमें खुदा से इबादत की जाती है। रमजान के महीने में रोजे (व्रत) रखने, रात में तरावीह की नमाज़ पढना और क़ुरान तिलावत करना शामिल है। रमज़ान मुसलमानों के लिए सबसे पाक महीना होता है। समुदाय के सदस्य पूरे महीने रोज़ा रखते हैं और सूरज निकलने से लेकर डूबने तक कुछ नहीं खाते पीते हैं। साथ में महीने भर इबादत करते हैं और अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं।
चूंकि तिथियां चंद्र कैलेंडर पर निर्भर होती हैं, इसलिए यह हर साल बदलती रहती है। रमजान कैलेंडर के नौवें महीने में पड़ता है और अर्धचंद्र दिखाई देने के बाद यह शुरू हो जाता है। मुस्लिम धर्म के लोगों द्वारा रमज़ान के पवित्र महीने में व्रत करना आवश्यक माना जाता है। व्रत को अरबी भाषा में सौम कहते है, इसी वजह से रमज़ान के महीने को अरबी भाषा में माह-ए-सियाम भी कहते है। रमजान में रखे जाने वाले उपवास को भारतीय मुस्लिमों द्वारा रोज़ा कहा जाता है। सूर्यास्त के बाद उपवास खोला जाता है जो इफ़्तारी के नाम से प्रसिद्ध है।
रमजान के माह में सहरी और इफ्तार का समय:
तारीख | सहरी का समय | इफ्तार का समय |
03 अप्रैल 2022 | 4:48 | 18:43 |
04 अप्रैल 2022 | 4:47 | 18:43 |
05 अप्रैल 2022 | 4:46 | 18:44 |
6 अप्रैल 2022 | 4:45 | 18:44 |
07 अप्रैल 2022 | 4:43 | 18:45 |
08 अप्रैल 2022 | 4:42 | 18:45 |
09 अप्रैल 2022 | 4:41 | 18:46 |
10 अप्रैल 2022 | 4:40 | 18:46 |
11 अप्रैल 2022 | 4:38 | 18:47 |
12 अप्रैल 2022 | 4:37 | 18:48 |
13 अप्रैल 2022 | 4:36 | 18:48 |
14 अप्रैल 2022 | 4:35 | 18:49 |
15 अप्रैल 2022 | 4:33 | 18:49 |
16 अप्रैल 2022 | 4:32 | 18:50 |
17 अप्रैल 2022 | 4:31 | 18:50 |
18 अप्रैल 2022 | 4:30 | 18:51 |
19 अप्रैल 2022 | 4:28 | 18:52 |
20 अप्रैल 2022 | 4:27 | 18:52 |
21 अप्रैल 2022 | 4:26 | 18:53 |
22 अप्रैल 2022 | 4:25 | 18:53 |
23 अप्रैल 2022 | 4:24 | 18:54 |
24 अप्रैल 2022 | 4:22 | 18:55 |
25 अप्रैल 2022 | 4:21 | 18:55 |
26 अप्रैल 2022 | 4:20 | 18:56 |
27 अप्रैल 2022 | 4:19 | 18:56 |
28 अप्रैल 2022 | 4:18 | 18:57 |
29 अप्रैल 2022 | 4:17 | 18:58 |
30 अप्रैल 2022 | 4:16 | 18:58 |
01 मई 2022 | 4:15 | 18:59 |
02 मई 2022 | 4:14 | 18:59 |
रमजान में पांचों वक्त की नमाज पढ़ी जाती है। आइए जानते हैं रमजान में पांचों वक्त के नमाज का समय:
तारीख | फज्र | ज़ुहर (दुहर) | असर | मग़रिब | ईशा |
03 अप्रैल 2022 | 4:49 | 12:24 | 16:54 | 18:40 | 20:00 |
04 अप्रैल 2022 | 4:48 | 12:24 | 16:54 | 18:41 | 20:01 |
05 अप्रैल 2022 | 4:47 | 12:24 | 16:54 | 18:41 | 20:01 |
06 अप्रैल 2022 | 4:46 | 12:24 | 16:55 | 18:42 | 20:02 |
07 अप्रैल 2022 | 4:44 | 12:23 | 16:55 | 18:42 | 20:03 |
08 अप्रैल 2022 | 4:43 | 12:23 | 16:55 | 18:43 | 20:04 |
09 अप्रैल 2022 | 4:42 | 12:23 | 16:55 | 18:43 | 20:04 |
10 अप्रैल 2022 | 4:40 | 12:22 | 16:55 | 18:44 | 20:05 |
11 अप्रैल 2022 | 4:39 | 12:22 | 16:56 | 18:45 | 20:06 |
12 अप्रैल 2022 | 4:38 | 12:22 | 16:56 | 18:45 | 20:06 |
13 अप्रैल 2022 | 4:37 | 12:22 | 16:56 | 18:46 | 20:07 |
14 अप्रैल 2022 | 4:35 | 12:21 | 16:56 | 18:46 | 20:08 |
15 अप्रैल 2022 | 4:34 | 12:21 | 16:57 | 18:47 | 20:09 |
16 अप्रैल 2022 | 4:33 | 12:21 | 16:57 | 18:47 | 20:10 |
17 अप्रैल 2022 | 4:32 | 12:21 | 16:57 | 18:48 | 20:10 |
18 अप्रैल 2022 | 4:30 | 12:20 | 16:57 | 18:49 | 20:11 |
19 अप्रैल 2022 | 4:29 | 12:20 | 16:57 | 18:49 | 20:12 |
20 अप्रैल 2022 | 4:28 | 12:20 | 16:58 | 18:50 | 20:13 |
21 अप्रैल 2022 | 4:27 | 12:20 | 16:58 | 18:50 | 20:13 |
22 अप्रैल 2022 | 4:26 | 12:20 | 16:58 | 18:51 | 20:14 |
23 अप्रैल 2022 | 4:24 | 12:19 | 16:58 | 18:51 | 20:15 |
24 अप्रैल 2022 | 4:23 | 12:19 | 16:59 | 18:52 | 20:16 |
25 अप्रैल 2022 | 4:22 | 12:19 | 16:59 | 18:53 | 20:17 |
26 अप्रैल 2022 | 4:21 | 12:19 | 16:59 | 18:53 | 20:17 |
27 अप्रैल 2022 | 4:20 | 12:19 | 16:59 | 18:54 | 20:18 |
28 अप्रैल 2022 | 4:19 | 12:19 | 17:00 | 18:54 | 20:19 |
29 अप्रैल 2022 | 4:18 | 12:18 | 17:00 | 18:55 | 20:20 |
30 अप्रैल 2022 | 4:16 | 12:18 | 17:00 | 18:56 | 20:21 |
1 मई 2022 | 4:15 | 12:18 | 17:00 | 18:56 | 20:22 |
2 मई 2022 | 4:14 | 12:18 | 17:00 | 18:56 | 20:23 |
नोट: इफ्तार और सहरी का वक्त अलग-अलग शहरों में अलग हो सकता है।
इस्लाम धर्म के पैगम्बर मुहम्मद ने मक्का से अपने प्रवास के बाद मदीना में ईद उल फितर को स्थापित किया था। उन्होंने कहा कि अल्लाह ने ईद उल फितर का दिन लोगों को जश्न मनाने के लिए दिया है। इसलिए रमजान के महीने के अंत को ईद उल फितर के रूप में मनाया जाता है, इस दिन लोग अपना उपवास तोड़ने के साथ दावत का आयोजन करते हैं। वहीं इस अवसर पर एक खुले सामूहिक परिवेश में विशेष नमाज़ पढ़ी जाती है जो छह अज़ान के साथ दो हिस्सों में की जाती है।